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ब्राजील में बांध ढहने से मची तबाही, 50 की मौत, 345 लोग लापता

दक्षिण-पूर्व ब्राजील में शुक्रवार को खदान पर बना बांध ढहने से मरने वालों की संख्या पचास पहुंच चुकी है और 345 लोग लापता हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 26 Jan 2019 12:28 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jan 2019 09:58 AM (IST)
ब्राजील में बांध ढहने से मची तबाही, 50 की मौत, 345 लोग लापता
ब्राजील में बांध ढहने से मची तबाही, 50 की मौत, 345 लोग लापता

ब्रूमादिन्हो, एएफपी/आइएएनएस। दक्षिण-पूर्व ब्राजील में शुक्रवार को खदान पर बना बांध ढहने से मरने वालों की संख्या पचास पहुंच चुकी है और 345 लोग लापता हैं। उधर, गवर्नर रोमू जेमा ने कहा कि बचाव अभियान जारी है, लेकिन लोगों के जीवित मिलने की संभावना कम है।

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स्थानीय अग्निशमन अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को आपदा के कई घंटों बाद सात शव बरामद किए गए थे, लेकिन शनिवार तड़के मृतकों की संख्या दस हो गई। लापता लोगों में 150 लोग बांध के नजदीक स्थित कंपनी के प्रशासनिक कार्यालय में काम करते थे। यह खदान ब्राजील की खनन कंपनी वेल की है। इसी राज्य में कंपनी की 2015 में एक खदान ढह गई थी जिसमें 19 लोगों की मौत हुई थी।

जर्मन कंपनी ने दी थी क्लीनचिट
कुछ महीने पहले ही एक जर्मन कंपनी ने इस बांध का निरीक्षण किया था, लेकिन उसने इसमें किसी तरह की खामी नहीं पाई थी। दुनियाभर में इस संबंध में विशेषज्ञता रखने वाली म्यूनिख आधारित कंपनी तुवे सुद ने खदान का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी के अनुरोध पर सितंबर 2018 में निरीक्षण किया था। तब उसे बांध की सरंचना में किसी प्रकार की खामी नहीं मिली थी।

यह दुर्घटना नहीं पर्यावरणीय अपराध है: ग्रीनपीस
ग्रीनपीस के ब्राजील स्थित कार्यालय ने कहा कि बांध टूटना बताता है कि इस संबंध में पूर्व के अनुभवों से सरकार और खनन कंपनी ने कुछ नहीं सीखा है। उसने कहा कि बांध का टूटना एक दुर्घटना नहीं बल्कि पर्यावरणीय अपराध है, जिसकी जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए।

खनन कंपनी वेल पर लगाया गया जुर्माना
बांध ढहने के बाद ब्राजील की दिग्गज खनन कंपनी वेल पर पौने पांच अरब रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना सरकार की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी आइबीएएमए द्वारा लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों ने इससे पहले कंपनी के बैंक खातों में जमा लगभग 19 अरब रुपये फ्रीज करने के आदेश जारी किए थे। ताकि आपदा पीडि़तों को राहत राशि दी जा सके।
 


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