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एक गांव जहां इंसान के दोस्त हैं मगरमच्छ, संकट का देते हैं संकेत

माना जाता है कि कुछ बुरा होने पर मगरमच्छ रोते हैं और गांव वालों को आने वाले संकट का संकेत देते हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 01:10 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 01:10 PM (IST)
एक गांव जहां इंसान के दोस्त हैं मगरमच्छ, संकट का देते हैं संकेत
एक गांव जहां इंसान के दोस्त हैं मगरमच्छ, संकट का देते हैं संकेत

बाजोल, एजेंसी। पश्चिम अफ्रीकी देश बुर्किना फासो के एक गांव में इंसान और मगरमच्छ की दोस्ती के दृश्य आम हैं। राजधानी उआगाडुगो से तीस किलोमीटर दूर बाजोले गांव के निवासी अपना तालाब सौ से ज्यादा मगरमच्छों के साथ बांटते हैं। वहां के किसी भी व्यक्ति को बड़े-बड़े दांतों वाले इस जीव से बिलकुल डर नहीं लगता। वे मगरमच्छ को चिकन खिलाने के साथ उसके ऊपर बैठ और लेट भी जाते हैं।

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गांव में रहने वाले पीएरे काबोरे कहते हैं, 'बचपन से ही हमें मगरमच्छ के साथ तालाब में तैरने और खेलने की आदत हो गई थी। वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते।' गांव की मान्यताओं के अनुसार 15वीं सदी से ही इंसान और मगरमच्छ की दोस्ती चली आ रही है। एक बार गांव में सूखा पड़ा। तब मगरमच्छों ने उन्हें छुपा हुआ तालाब दिखाया था। उनके इस उपकार का धन्यवाद करने के लिए हर साल गांव वाले कूम लाकरे नामक उत्सव मनाते हैं। उत्सव के दौरान गांव वाले बलि देकर मगरमच्छ से खुशहाली की कामना करते हैं।

माना जाता है कि कुछ बुरा होने पर मगरमच्छ रोते हैं और गांव वालों को आने वाले संकट का संकेत देते हैं। इंसान और मगरमच्छ का यह तालमेल दुनियाभर के पर्यटकों को इस गांव में खींच लाता है।


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