जर्मनी जाने की कर रहे हैं प्लानिंग तो चेक कर लें फ्लाइट की स्थिति, कहीं हो ना जाएं परेशान
लुफ्थांसा एयरलाइंस की ओर से पायलेटों की हड़ताल की वजह से अपनी फ्लाइटें कैंसल कर दी गई हैं। जिसका बड़े पैमाने पर असर पड़ रहा है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। अगर आप जर्मनी जाने की प्लानिंग कर रहे हैं या वहां पर पहुंचने के बाद वहां से कोई दूसरी फ्लाइट लेकर आगे जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो अगले 48 घंटे तक इस प्लान पर फिर से विचार कर लें। क्योंकि जर्मनी की लुफ्थांसा एयरलाइंस के पायलेट आज से अगले 48 घंटे के लिए हड़ताल पर चले गए हैं। इन पायलेटों की हड़ताल की वजह से लुफ्थांसा ने अपनी 1300 फ्लाइटें रद्द कर दी हैं। फिलहाल लुफ्थांसा ने गुरूवार को 700 फ्लाइटें कैंसल की है और शुक्रवार को 600 फ्लाइटें एडवांस में कैंसल कर दी गई हैं। इस फैसले का असर जर्मनी से बाहर जाने वाली उड़ानों पर भी पड़ेगा, इसमें भारत जाने वाली उड़ानें भी शामिल हैं।
हड़ताल को रोकने के लिए कोर्ट में की गई अपील
लुफ्थांसा की ओर से इस हड़ताल को रोकने के लिए यूनियन के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस वजह से लुफ्थांसा ने गुरुवार और शुक्रवार के लिए 1300 उड़ानें रद्द कर दी हैं। लुफ्थांसा के विमान 83 देशों को जर्मनी से जोड़ते हैं। फ्रैंकफर्ट की श्रम अदालत और हेसे की स्थानीय श्रम अदालत ने कहा है कि कर्मचारी यूनियन ने जो हड़ताल का ऐलान किया है वह कानूनी तौर पर सही है।
वेतन को लेकर हड़ताल
लुफ्थांसा ने कोर्ट में चालक दलों की यूनियन यूएफओ की हड़ताल को लेकर हुए मतदान पर सवाल उठाए थे और इस हड़ताल पर रोक लगाने की मांग की थी। चालक दलों की यूनियन इस हड़ताल को चेतावनी के तौर पर इस्तेमाल कर लुफ्थांसा पर दबाव बनाना चाहती है, वेतन को लेकर हुई बातचीत में यूनियन अतिरिक्त भत्ते पर अड़ी हुई है, यूनियन का दावा है कि इस मुद्दे पर मैनेजमेंट बातचीत से इनकार कर रही है।
रेल टिकट में कनवर्ट में हो जाएगा फ्लाइट का टिकट
कोर्ट के फैसले के बाद लुफ्थांसा ने कहा है कि जिन यात्रियों ने जर्मनी के भीतर यात्रा के लिए एयरलाइन टिकट बुक किए हैं वो एक ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए उसे रेल टिकट में भी तब्दील कर सकते हैं, ऐसे यात्रियों के लिए ये एक अतिरिक्त सुविधा दी जा रही है।
बेहतर वेतन और सुविधाएं देने की मांग
लुफ्थांसा के चालक दल के सदस्यों से यूनियन ने सोमवार को ही हड़ताल की तैयारी के लिए कहा था। कर्मचारियों की मांग है कि उनका वेतन बेहतर किया जाए और सेवा शर्तों में भी सुधार किया जाए। यूएफओ चालक दल यूनियन के डिप्टी चेयरमैन डानियाल ने कहा कि इस हड़ताल का असर उन सभी लुफ्थांसा फ्लाइटों पर पड़ेगा जो जर्मन एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली हैं। इसके अलावा इस हड़ताल का असर लुफ्थांसा की सहयोगी एयरलाइंस यूरोविंग्स और सन एक्सप्रेस पर भी पड़ेगा।
इन 10 देशों की फ्लाइट पर भी पड़ेगा असर
1- टर्किश एयरलाइंस (तुर्की)
टर्किश एयरलाइन "ग्लोबली योर्स" का नारा देती है। इस एयरलाइन के विमान 106 देशों तक जाते हैं। यह अकेली ऐसी एयरलाइन है जो अफ्रीकी महाद्वीप के 55 में से 29 देशों को तुर्की से जोड़ती है।
2. यूनाइटेड (अमेरिका)
अमेरिकी एयरलाइन कंपनी यूनाइटेड के विमान 60 देशों के लिए सीधी उड़ान भरते हैं, अमेरिका जाने और वहां से आने वालों की संख्या अच्छी खासी रहती है। इस हड़ताल का असर इन यात्रियों पर भी पड़ने की संभावना है।
3. एमिरेट्स (यूएई)
एमिरेट्स की उड़ानें भी काफी महत्वपूर्ण हैं। इसकी उड़ानें अबू धाबी के हेडक्वार्डर से उड़ती है। अबू धाबी से उड़ने वाली एमिरेट्स की फ्लाइटें 70 देशों को जोड़ती हैं। ये सीधी विमान सेवा प्रदान करती है।
4. एयर फ्रांस (फ्रांस)
एयर फ्रांस 78 देशों के लिए उड़ान भरती है। ये वो विमान सेवा है जिसके विमान हर महाद्वीप से आपको सीधे पेरिस पहुंचा सकते हैं।
5.ब्रिटिश एयरवेज (ब्रिटेन)
ब्रिटिश एयरवेज के विमान 78 देशों के लिए उड़ान भरते हैं। इनमें सभी अहम कॉमनवेल्थ देश शामिल हैं। हड़ताल से इन पर भी असर पड़ना तय माना जा रहा है।
6. इजिप्ट एयर (मिस्र)
मिस्त्र से इजिप्ट एयर का संचालन होता है। डायरेक्ट फ्लाइट के मामले में इजिप्ट एयर के विमान 66 देशों तक जाते हैं।
7. कतर एयरवेज (कतर)
कतर एयरवेज भी काफी महत्वपूर्ण एयरलाइन है। ये दोहा से ऑपरेट होती है। कतर एयरवेज के विमान 73 देशों की सीधी उड़ान भरते हैं।
8. केएलएम (नीदरलैंड्स)
हॉलैंड की यह एयरलाइन भी इजिप्ट एयर के बराबर ही 66 देशों के लिए सीधी उड़ान भरती है। केएलएम की ये उड़ान भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
9. डेल्टा (अमेरिका)
डेल्टा एयरलाइन कंपनी को यात्रियों की संख्या के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी एयरलाइन कहा जाता है। सबसे अधिक यात्री इस एयरलाइन का इस्तेमाल करते हुए एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। इसके विमान 71 देशों के लिए सीधी उड़ान भर सकते हैं।
10. लुफ्थांसा (जर्मनी)
लुफ्थांसा एयरलाइन के विमान 83 देशों को जर्मनी से जोड़ते हैं। रेवेन्यू के मामले में ये दुनिया की सबसे बड़ी एयरलाइन है।