Move to Jagran APP

कोविड-19 से बचाने वाले जीन वैरिएंट की हुई पहचान, कोरोना संक्रमण से करेगा सुरक्षा प्रदान

शोधकर्ताओं ने एक प्रभावशाली जीन वैरिएंट का पता लगाया है जो कोरोना संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है। स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में विज्ञानियों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने अलग-अलग मूल के लोगों पर अध्ययन के दौरान उस महत्वपूर्ण जीन वैरिएंट का पता लगाया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 06:07 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 10:23 PM (IST)
कोविड-19 से बचाने वाले जीन वैरिएंट की हुई पहचान, कोरोना संक्रमण से करेगा सुरक्षा प्रदान
कोविड-19 से बचाने वाले जीन वैरिएंट की हुई पहचान, कोरोना संक्रमण से करेगा सुरक्षा प्रदान। फाइल फोटो।

नई दिल्‍ली, एजेंसी। शोधकर्ताओं ने एक प्रभावशाली जीन वैरिएंट का पता लगाया है, जो कोरोना संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है। स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में विज्ञानियों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने अलग-अलग मूल के लोगों पर अध्ययन के दौरान उस महत्वपूर्ण जीन वैरिएंट का पता लगाया। अध्ययन का प्रकाशन 'नेचर जर्नल' में हुआ है, जिसमें बताया गया है कि जीन कोरोना संक्रमण के असर को प्रभावित कर सकते हैं। यानी, वे यह तय करने में भूमिका निभा सकते हैं कि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमण से गंभीर रूप से प्रभावित होगा या हल्के असर के साथ उसकी बीमारी खत्म हो जाएगी।

loksabha election banner

पूर्व में मुख्य रूप से यूरोपीय लोगों पर हुए अध्ययनों में पाया गया था कि डीएनए के विशेष खंड की मौजूदगी वाले लोगों में कोविड के गंभीर संक्रमण का खतरा 20 प्रतिशत कम होता है। विज्ञानियों ने इस जीन वैरिएंट की पहचान के लिए उन लोगों को अध्ययन में शामिल किया, जिनमें डीएनए का विशेष खंड मौजूद था। इनमें अफ्रीकी मूल के 2,787 तथा छह विभिन्न समूहों के 1,30,997 ऐसे लोग शामिल रहे, जो कोविड संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती थे। अध्ययन की मुख्य लेखिका व वीए बोस्टन हेल्थकेयर सिस्टम की शोधकर्ता जेनिफर हफमैन ने कहा, 'अफ्रीकी मूल के लोगों में मौजूद समान सुरक्षा ने हमें डीएनए के विशेष जीन वैरिएंट (आरएस10774671-जी) की पहचान के लिए प्रेरित किया, जो कोरोना के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।'

उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि कोरोना महामारी जिस तरह से विकसित हो रही है, उससे पता चलता है कि यह वायरस पूरी तरह से कभी भी खत्म नहीं होगा। डब्ल्यूएचओ की प्रतिनिधि मेलिता वुजनोविक के हवाले से बताया कि यह वायरस एक स्थानिक बीमारी के रूप में आबादी में संचारित होता रहेगा। उन्होंने कहा कोरोना वायरस एक स्थानिक बीमारी बनने की राह पर है। इसका अर्थ है कि यह कभी खत्म नहीं होगा। हमें यह सीखना होगा कि इसका इलाज कैसे किया जाए और इससे खुद की रक्षा कैसे की जाए। मेलिता ने कहा कि अभी सबसे अहम संक्रमण को रोकने और इसकी चपेट में आने वालों की संख्या को कम करने की आवश्यकता है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो नए रूप में वैरिएंट अप्रत्याशित तरीके से सामने आएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.