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गेहूं में महामारी रोकने वाले जीन की पहचान

वैश्विक स्तर पर खाद्य संकट रोकने में मिलेगी मदद, एशिया महाद्वीप के पंजाब क्षेत्र में पहुंच चुकी है फसल की यह बीमारी...

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 18 Nov 2017 11:31 AM (IST)Updated: Sat, 18 Nov 2017 11:31 AM (IST)
गेहूं में महामारी रोकने वाले जीन की पहचान
गेहूं में महामारी रोकने वाले जीन की पहचान

लॉस एंजिल्स (प्रेट्र)। शोधकर्ताओं ने एक ऐसे जीन की पहचान कर ली है, जो गेहूं की फसल में फैलने वाली फफूंद की महामारी स्टेम रस्ट से लड़ने में मदद कर सकता है। दुनियाभर के किसानों को परेशान कर चुकी यह महामारी एशिया के पंजाब इलाके में भी पहुंच चुकी है।

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शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह जीन स्टेम रस्ट का प्रतिरोध करने में सक्षम है। स्टेम रस्ट एक फंगल बीमारी है और पूरे अफ्रीका व एशिया में गेहूं के उत्पादन में बाधा पहुंचाकर वैश्विक स्तर पर खाद्य संकट पैदा कर सकती है। यह जीन इस संकट से निपटने में मदद कर सकता है। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, डेविस के शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस खोज से उन प्रजनकों को और तेजी से विकसित करने में मदद मिलेगी।

युगांडा में मिली फफूंद की नई किस्म : शोधकर्ताओं के मुताबिक, युगांडा में 1999 में स्टेम रस्ट की नई किस्म का पता चला, जिसे यूजी99 नाम दिया गया। वर्तमान में यह ही गेहूं की फसल में फैल रही महामारी है। दुनियाभर में पैदा होने वाली गेहूं की फसल की करीब 90 फीसद किस्मों में इस महामारी का खतरा है।

इन इलाकों में फैल चुका है यूजी99 : यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, डेविस में प्रोफेसर जॉर्ज डबकोवस्की के मुताबिक, अफ्रीका और लाल सागर से लेकर यमन व ईरान तक गेहूं के पैदावार वाले ज्यादातर क्षेत्रों में यूजी99 फैल चुका है। अब इसने एशिया महाद्वीप के पंजाब इलाके में भी दस्तक दे दी है। ऐसे में इस जीन की पहचान इस फफूंद को रोकने में मदद कर सकती है।

इस तरह की पहचान : शोधकर्ताओं के दल ने इस फफूंद को रोकने वाले तीन किस्म के प्रतिरोध की पहचान की। इनमें एक किस्म एसआर13 था, जिसका बारे में यमन और इथोपिया के स्टेम रस्ट से पता चला था। 2013 में डबकोवस्की और उनके सहायक शोधकर्ताओं ने एसआर35 नामक एक अन्य प्रतिरोध की पहचान की। इसके जरिए गेहूं की बेहतर किस्म विकसित करने के दौरान एक जीन का पता चला। शोधकर्ताओं ने पाया कि यह फसल को बेहतर करने में मदद कर सकता है और उन प्रजनकों को तेजी से विकसित करने में समक्ष है जो खतरनाक रोगजनक को रोक सकता है।

10 हजार साल पुरानी है जंग
वैश्विक स्तर पर चावल के बाद गेहूं दूसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, गेहूं की फसल और स्टेम रस्ट की जंग 10 हजार साल पुरानी है। वर्ष 1950 में उत्तरी अमेरिका में फैली इस महामारी ने 40 फीसद गेहूं की फसल बर्बाद कर दी थी। तभी से वैज्ञानिक गेहूं की ऐसी किस्मों को विकसित करने में लगे हुए हैं, जिनका इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत हो और वे स्टेम रस्ट से लड़ने में समक्ष हों। उन्होंने कई किस्में ईजाद भी कीं, लेकिन फिर भी यह फफूंद बार-बार नए रूप में वापस आकर गेहूं को नुकसान पहुंचा देती है।

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