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IAEA बोला- ईरान निगरानी समझौते का पालन करने में विफल रहा, एजेंसी को काम नहीं करने देने का आरोप

आइएईए के 35 देशों के बोर्ड आफ गवर्नर की बैठक की पूर्व संध्या पर 12 सितंबर का समझौता हुआ। पश्चिमी देशों ने उस बैठक में ईरान की आलोचना करने वाला प्रस्ताव नहीं लाने का फैसला किया क्योंकि उपकरण के मेमोरी कार्ड उसी तरह बदले जाएंगे जैसे उन्हें बदला जाना था।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 06:31 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 06:31 PM (IST)
IAEA बोला- ईरान निगरानी समझौते का पालन करने में विफल रहा, एजेंसी को काम नहीं करने देने का आरोप
IAEA बोला- ईरान निगरानी समझौते का पालन करने में विफल रहा, एजेंसी को काम नहीं करने देने का आरोप

वियना, रायटर। संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संगठन आइएईए ने कहा है कि ईरान दो सप्ताह पहले हुए समझौते की शर्तो का पूरी तरह से पालन करने में विफल साबित हुआ है। इस समझौते में इस निगरानी संगठन के इंस्पेक्टरों को देश में उपकरणों की निगरानी करने की अनुमति दी गई है।

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अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) के अनुसार, 'आइएईए महानिदेशक राफेल ग्रोसी ने जोर देकर कहा है कि टीईएसए कराज सेंट्रिफ्यूज कंपोनेंट निर्माण कार्यशाला तक एजेंसी को नहीं पहुंचने देने का ईरान का फैसला 12 सितंबर को जारी संयुक्त बयान की तय शर्तो का उल्लंघन है।'

आइएईए के 35 देशों के बोर्ड आफ गवर्नर की बैठक की पूर्व संध्या पर 12 सितंबर का समझौता हुआ था। पश्चिमी देशों ने उस बैठक में ईरान की आलोचना करने वाला प्रस्ताव नहीं लाने का फैसला किया क्योंकि उपकरण के मेमोरी कार्ड उसी तरह बदले जाएंगे जैसे उन्हें बदला जाना था। आइएईए में ईरान के दूत ने सोमवार को कहा कि महानिदेशक की रिपोर्ट सटीक नहीं है और यह संयुक्त बयान की तय शर्तो से परे जाती है।

बता दें कि पिछले दिनों ईरान ने अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की निगरानी के दौरान संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को निगरानी कैमरों में नया मेमोरी कार्ड लगाने की इजाजत दे दी थी। साथ ही परमाणु सौदे की बहाली के संबंध में बातचीत के बाद वहां फिल्मांकन करने की भी अनुमति दी गई थी। संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइईओआइ) के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने बताया था कि ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (एईओआइ) मुहम्मद इस्लामी ने अपनी रजामंदी दे दी है।

आइईओआइ के प्रमुख ग्रोसी ने बताया कि उनके संस्थान के पर्यवेक्षकों को चिन्हित उपकरणों की सेवाएं लेने और उसमें स्टोरेज डाटा बदलने की अनुमति मिल गई है। इस प्रक्रिया का पालन आइईओआइ और एईओआइ की संयुक्त निगरानी में होगा। कहा गया था कि वर्ष 2015 के परमाणु सौदे को बहाल करने से पहले निगरानी प्रक्रिया के नतीजे देखे जाएंगे।


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