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चरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र का जल्द दौरा करेंगे आइएइए प्रमुख, यूक्रेन ने रेडिएशन का जताया था खतरा

राफेल ग्रासी ने खुद ट्वीट कर कहा कि वह मिशन यूक्रेन के लिए जल्द चरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र का दौरा करेंगे और यह इस तरह के परमाणु सुरक्षा और सुरक्षा मिशनों की श्रृंखला में उनका पहला दौरा होगा।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Sat, 02 Apr 2022 08:50 AM (IST)Updated: Sat, 02 Apr 2022 08:50 AM (IST)
चरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र का जल्द दौरा करेंगे आइएइए प्रमुख, यूक्रेन ने रेडिएशन का जताया था खतरा
चरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र का दौरा करेंगे राफेल ग्रासी। (फाइल फोटो)

नेपीडॉ (म्यांमार), एएनआइ। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ( आइएइए ) के महानिदेशक राफेल ग्रासी जल्द ही मदद के लिए यूक्रेन के चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र का दौरा करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन के चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र को जितनी जल्दी हो सके सहायता देंगे और सहायता मिशन का नेतृत्व करेंगे। ग्रासी ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि 'मिशन यूक्रेन' के लिए इस तरह के परमाणु सुरक्षा और सुरक्षा मिशनों की श्रृंखला में यह उनका पहला दौरा होगा।

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हाल ही में रूसी सेना ने संयंत्र पर नियंत्रण छोड़ा

ग्रासी ने बाद में शुक्रवार को वियना में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आइएइए मिशन चेरनोबिल में "बहुत जल्द" होगा। बता दें कि आइएइए प्रमुख हाल ही में यूक्रेन और रूस की अपनी हाल की यात्राओं से लौटे हैं, इस दौरान उन्होंने दोनों पक्षों के अधिकारियों के साथ यूक्रेन की परमाणु सुविधाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में चर्चा भी की। आइएइए ने गुरुवार को कहा थी कि यूक्रेन द्वारा एजेंसी को सूचित किया गया था कि रूसी सेना चेरनोबिल संयंत्र पर अपना नियंत्रण छोड़ रही हैं और संयंत्र का नियंत्रण यूक्रेनी कर्मियों को स्थानांतरित कर दिया गया था।

संयंत्र में विकिरण का अभी तक नहीं चला पता

बता दें कि ग्रॉसी ने कल बताया कि आइएइए अभी भी उन रिपोर्टों की पुष्टि करने में असमर्थ है कि चेरनोबिल संयंत्र में रूसी सेनाएं विकिरण के लिए दोषी थीं। उन्होंने कहा कि संयंत्र के चारों ओर विकिरण स्तर "काफी सामान्य" था लेकिन रूसी सेना ने चेरनोबिल क्यों छोड़ा इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। वहीं यूक्रेन का दावा है कि रूसी सेना रेडिएशन के चलते यहां से गई हैं।

ग्रासी ने आगे कहा कि संयंत्र पर कब्जे के समय भारी वाहनों की आवाजाही के कारण स्थानीयकृत विकिरण का अपेक्षाकृत उच्च स्तर था और जाहिर तौर पर रास्ते में फिर से ऐसा ही हो सकता है। गौरतलब है कि यूक्रेन की राजधानी कीव से लगभग 110 किमी उत्तर में चेरनोबिल संयंत्र को 26 अप्रैल, 1986 को मानव इतिहास में सबसे खराब परमाणु दुर्घटनाओं में से एक का सामना करना पड़ा था।


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