पूर्वी अफ्रीका में तबाही मचाने के बाद सोमालिया पहुंचा टिड्डीयों का दल, घोषित की गई नेशनल इमरजेंसी
पूर्वी अफ्रीका में अरबों की संख्या में टिड्डीयों के दल ने उत्तरी सोमालिया की बंजर जमीन पर हमला बोल दिया है जिसके बाद इस संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना पड़ा है।
गेरोवे (सोमालिया), एपी। Locusts attack in Somalia भारत के कई राज्य इन दिनों टिड्डीयों के हमलों से परेशान हैं। वहीं पूर्वी अफ्रीका में अरबों की संख्या में टिड्डीयों के दल ने उत्तरी सोमालिया की बंजर जमीन पर हमला बोल दिया है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी अफ्रीका की कुछ जगहों पर टिड्डियों का यह हमला 70 साल में सबसे भयावह साबित हुआ है। भुखमरी की गंभीर समस्या से जूझ इस क्षेत्र के एक करोड़ से अधिक लोगों पर भूखी टिड्डियों का यह हमला 'कोढ़ में खाज' जैसा साबित हुआ है। खतरे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोमालिया ने इस संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वे टिड्डी दल धरती के सबसे दुरुह स्थानों में से एक स्थान पर पनप रहे हैं। अर्ध स्वायत्त पुंटलैंड के दक्षिण में सोमालिया के अधिकांश हिस्सों पर इनका हमला हुआ है। यह क्षेत्र अल कायदा से संबद्ध अल शबाब चरमपंथी संगठन के कब्जे में है। यही कारण है कि इलाकों में हवाई छिड़काव करना मुश्किल है। विशेषज्ञों का कहना है कि टिड्डी दल पर नियंत्रण के लिए हवाई छिड़काव ही एकलौता तरीका बचा है। वहीं संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के प्रमुख मार्क लोकॉक (Mark Lowcock) ने कहा कि यदि इस समस्या पर काबू नहीं पाया गया तो पूरे क्षेत्र में यह अब तक का सबसे विनाशकारी हमला होगा।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के प्रवक्ता एलबर्टो ट्रिलो बार्का (Alberto Trillo Barca) ने कहा कि दुनिया को जानने की जरूरत है कि यह कहां से शुरू हो रहा है। यदि जल्द उपाय नहीं किए गए तो ये पड़ोस के कीनिया और इथियोपिया पहुंच जाएंगे। जलवायु विशेषज्ञों ने टिड्डीयों की तादाद में बढ़ोतरी को असाधारण बारिश और दिसंबर में सोमालिया के पास आए तूफान को बड़ा कारण माना है। तेज हवाओं के साथ टिड्डी दल अरब प्रायद्वीप एवं दूसरे हिस्सों से आकर अब सोमालिया की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेताया है कि यदि इन पर लगाम नहीं लगाई जाती है तो इनकी संख्या जून तक 500 गुणा बढ़ जाएगी।