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चीन में उइगर मुस्लिम महिलाओं पर होता है अमानवीय जुल्म, गुलबहार ने लिखी अत्याचार की दास्तां

इस किताब के सह लेखक फ्रांस के पत्रकार ली फिगेरो रोजन मोरगेट हैं। गुलबहार के मुताबिक शिनजियांग प्रांत के इन यातना केंद्रों में हजारों महिलाएं अपनी मौत का इंतजार करती हैं। उन्होंने बताया कि यहां जिंदगी और मौत के मायने वो नहीं हैं जैसा कि और जगह समझा जाता है।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 06:35 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 06:35 PM (IST)
चीन में उइगर मुस्लिम महिलाओं पर होता है अमानवीय जुल्म, गुलबहार ने लिखी अत्याचार की दास्तां
यातना केंद्र में तीन साल तक रहने वाली गुलबहार ने लिखी अत्याचार की दास्तां

पेरिस, एएनआइ। चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार के की हकीकत फिर सामने आई है। तीन साल तक यातना सहने वाली उइगर महिला गुलबहार हैतीबाजी को फ्रांस से ले जाया गया था। यहां उसे कैंप में रखकर यातनाएं दी गईं। जैसे-तैसे वहां से निकलने वाली गुलबहार ने अपने ऊपर हुए अत्याचार को एक किताब में लिखकर पूरी दुनिया को ड्रैगन की करतूत के बारे में बताया है।

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गुलबहार की इस किताब के सह लेखक फ्रांस के पत्रकार ली फिगेरो रोजन मोरगेट हैं। गुलबहार के मुताबिक शिनजियांग प्रांत के इन यातना केंद्रों में हजारों महिलाएं अपनी मौत का इंतजार करती हैं। उन्होंने बताया कि यहां जिंदगी और मौत के मायने वो नहीं हैं, जैसा कि और जगह समझा जाता है। मौत का सामना हर पल होता रहता है। गुलबहार कहती हैं रात में गार्डो के बूटों की आवाज से मेरी नींद खुल जाती थी। ऐसा लगता था कि मौत अब ज्यादा दूर नहीं रह गई है। मेरे हाथ क्लिप से पीछे की ओर बंधे रहते थे। उस समय लगता था कि मेरी जिंदगी अब कुछ पल की ही रह गई है।

गुलबहार ऐसे कैंप में तीन साल तक रहीं और हर रात जिंदगी और मौत के बीच झूलती रहती थी। किताब में यातना केंद्रों पर अत्याचार, भूुख, जबरन बंध्याकरण जैसे जुल्मों को साझा किया गया है।


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