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Hong Kong Democracy Activist: हांगकांग में लोकतंत्र की पक्षकार एगनेस चाउ जेल से रिहा, 6 महीने बाद जेल से आईं बाहर

हांगकांग में लोकतंत्र की समर्थक कार्यकर्ता एगनेस चाउ को जेल से रिहा कर दिया गया है। चाउ बीते 6 महीनों से जेल में कैद थीं। वर्ष 2019 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान अनधिकृत सभाओं में हिस्सा लेने के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 08:50 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 08:53 PM (IST)
Hong Kong Democracy Activist: हांगकांग में लोकतंत्र की पक्षकार एगनेस चाउ जेल से रिहा, 6 महीने बाद जेल से आईं बाहर
हांगकांग में लोकतंत्र की पक्षकार एगनेस चाउ जेल से रिहा। फाइल फोटो।

हांगकांग, एजेंसी। हांगकांग में लोकतंत्र की समर्थक कार्यकर्ता एगनेस चाउ को जेल से रिहा कर दिया गया है। एगनेस शनिवार को जेल से रिहा हुई हैं। चाउ बीते 6 महीनों से जेल में कैद थीं। वर्ष 2019 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान अनधिकृत सभाओं में हिस्सा लेने के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया था। जेल से निकलने के बाद 24 वर्षीय चाउ का पत्रकारों के समूह ने अभिवादन किया। इस दैरान वो बिना कोई बात किए, जेल की गाड़ी से निकलकर अपनी पर्सनल कार में जाकर बैठ गई। मौके पर समर्थकों का एक छोटा समूह मौजूद था, जो सरकार द्वारा जेल भेजे जाने की चेतावनियों के असर को साफ तौर से दिखाता है। चीन ने पिछले साल हांगकांग में सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया था। जिसके बाद सरकार ने उन लोगों को जेल में डालने की चेतावनी दी है, जो इस कानून का उल्लंघन करते पाए जाएंगे। 

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कई प्रदर्शनकारियों को जेल भेजा गया

हांगकांग में सरकार के विरोधी और लोकतंत्र के पक्ष में हुए प्रदर्शनों को दबाने के लिए चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था। नए कानून के प्रभाव में आने के बाद जोशुआ वोंग और जिम्मी लाई समेत कई लोकतंत्र के पक्षकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए सभी प्रदर्शनकारी अभी भी जेल में सजा काट रहे हैं। चीन हांगकांग कभी भी शांति नहीं रहने देता है और अपनी तानाशाही चलाता है, लेकिन यहां के लोग चीन की तानाशाही को स्वीकार नहीं करना चाहते। ये डटकर चीन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

चीन के खिलाफ लाखों लोगों ने खोला मोर्चा

हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ लाखों की तादाद में लोगों ने विरोध किया। उस वक्त उन्हें चुप कराने की बेजोड़ कोशिशें हुईं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर खूब कार्रवाई भी की, लेकिन वह लोकतंत्र की मांग को लेकर डटे रहे। लोगों का कहना है कि 1997 में हांगकांग को चीनी शासन के सौंपे जाने के बाद, 50 साल के लिए उसकी स्वतंत्रता सुरक्षित रखने की अपनी प्रतिबद्धताओं का चीन अब लगातार उल्लंघन कर रहा है।


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