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हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों पर दंगा करने का आरोप, गिरफ्तार लोगों की रिहाई के लिए हुई नारेबाजी

दुनिया का प्रमुख व्यापार केंद्र हांगकांग करीब दो महीने से अशांति और अराजकता की गिरफ्त में है। अशांति की शुरुआत चीन के साथ प्रत्यर्पण संधि के प्रयास के दौरान हुई थी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 09:33 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 09:33 PM (IST)
हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों पर दंगा करने का आरोप, गिरफ्तार लोगों की रिहाई के लिए हुई नारेबाजी
हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों पर दंगा करने का आरोप, गिरफ्तार लोगों की रिहाई के लिए हुई नारेबाजी

हांगकांग, एएफपी/एपी। हांगकांग में 44 लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों को बुधवार को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया। इन सभी पर दंगा करने का भी आरोप है। यह आरोप सिद्ध हो गया तो आरोपितों को दस साल तक की सजा हो सकती है।

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न्यायालय ने फिलहाल सभी आरोपितों को जमानत पर रिहा कर दिया है। जिस न्यायालय में इन आरोपितों की सुनवाई होनी थी उसके बाहर हजारों की संख्या में आंदोलनकारी बारिश और तेज हवा की परवाह किए बगैर घंटों से जमे थे। वे लोकतंत्र लागू किए जाने की मांग करते हुए गिरफ्तार साथियों की रिहाई के लिए नारेबाजी कर रहे थे।

लेकिन न्यायालय में जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई सभी आंदोलनकारी शांत हो गए और फैसले का इंतजार करने लगे। जमानत की सूचना मिलने पर आंदोलनकारियों ने खुशी का इजहार किया। पुलिस ने अपने आरोप पत्र में एक शिक्षक, एक एयरलाइन पायलट, एक नाई, एक शेफ, एक इलेक्ट्रीशियन, एक मजदूर और बाकी बेरोजगार लोगों को आरोपी बनाया है।

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दुनिया का प्रमुख व्यापार केंद्र हांगकांग करीब दो महीने से अशांति और अराजकता की गिरफ्त में है। अशांति की शुरुआत चीन के साथ प्रत्यर्पण संधि के प्रयास के दौरान हुई थी। इसके अनुसार हांगकांग में हुई घटनाओं में गिरफ्तार लोगों की सुनवाई चीन की अदालतों में होने का प्रावधान था। चीन की अदालतें सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी से प्रेरित मानी जाती हैं।

इससे पहले गिरफ्तार साथियों पर दंगा करने की धाराएं लगाए जाने की जानकारी मिलते ही मंगलवार रात हांगकांग एक बार फिर गरमा गया। सैकड़ों लोगों ने उस पुलिस थाने को घेर लिया, जहां रविवार रात हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार 44 लोग रखे गए थे। लेकिन पुलिस ने इन लोगों को हटाकर आरोपियों को कोर्ट पहुंचाया।

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पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आंदोलनकारियों ने सड़क पर बाधाएं खड़ी की थीं, पुलिस की बनाई बेरिकेडिंग तोड़ी थी, सरकारी बोर्ड उखाड़े और पुलिसकर्मियों पर पत्थरों और लोहे के सरियों से हमला किया था। पुलिस ने मौके से 32 पुरुषों और 17 महिलाओं को गिरफ्तार किया था। ये 16 वर्ष से 41 वर्ष की आयु के हैं। बाद में इनमें से पांच को कुछ घंटे बाद जमानत पर छोड़ दिया गया था।

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