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बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया की सजा बढ़कर दोगुनी हुई, नहीं लड़ सकेंगी आम चुनाव

हाई कोर्ट के फैसले के बाद जिया आगामी आम चुनाव नहीं लड़ पाएंगी।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 12:13 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 12:20 PM (IST)
बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया की सजा बढ़कर दोगुनी हुई, नहीं लड़ सकेंगी आम चुनाव
बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया की सजा बढ़कर दोगुनी हुई, नहीं लड़ सकेंगी आम चुनाव

ढाका, प्रेट्र/रायटर। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को दिसंबर में होने वाले आम चुनाव से पहले एक और बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने अनाथालय में गबन से जुड़े मामले में उन्हें मिली पांच साल की सजा को बढ़ाकर दस साल कर दिया। यह अनाथालय उनके दिवंगत पति और पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान के नाम पर बनाया गया था। मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की 73 वर्षीय नेता को एक दिन पहले ही जिया चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में ढाका की अदालत ने सात साल जेल की सजा सुनाई थी। मंगलवार को हाई कोर्ट की पीठ ने अनाथालय ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में भ्रष्टाचार रोधी आयोग की समीक्षा अर्जी पर अपना फैसला सुनाया। आयोग ने जिया की सजा दस साल करने की मांग की थी।

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नहीं लड़ सकेंगी आम चुनाव

स्थानीय अखबार डेली स्टार ने अटॉर्नी जनरल महबूबी आलम के हवाले से लिखा, 'हाई कोर्ट के फैसले के बाद जिया आगामी आम चुनाव नहीं लड़ पाएंगी।' ताजा फैसले से जिया की प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चुनाव लड़ने की इच्छा को गहरा झटका लगा है।

जिया पर हिंसा और भ्रष्टाचार के कई मामले

जिया हिंसा और भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामलों का सामना कर रही हैं। बीएनपी और उनके वकील इन मामलों को राजनीति से प्रेरित और आधारहीन करार दे चुके हैं।

सेहत भी नहीं रहती ठीक

जेल में सजा काट रहीं जिया ने कोर्ट से कहा था कि वह अपने हाथ और पैरों में कमजोरी महसूस करती हैं। इसके बाद गत छह अक्टूबर को उन्हें बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिलहाल वहीं पर उनका इलाज चल रहा है।

बीएनपी ने निकाला राष्ट्रव्यापी मार्च

बीएनपी कार्यकर्ताओं ने कोर्ट के फैसले के विरोध में मंगलवार को देशभर में मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।

जिया का सियासी सफर

1945 में जन्मीं जिया का राजनीतिक करियर 35 साल लंबा है

-वह बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं

-जिया ने 1991 से 1996 और फिर 2001 से 2006 तक यह पदभार संभाला

-1983 में पति की हत्या के बाद बीएनपी उपाध्यक्ष बनीं

-1984 से बीएनपी के अध्यक्ष पर काबिज

-2007 में भ्रष्टाचार मामले में एक साल जेल में रहीं

-2014 के आम चुनाव का जिया की पार्टी ने बहिष्कार किया था।

सजा का एलान ढाका की पुरानी सेंट्रल जेल में बनाई गई अस्थाई अदालत में किया गया। इस मामले की अंतिम सुनवाई जिया की अनुपस्थिति में पूरी हुई थी। उन्होंने हाल में अपने पैर और हाथ में परेशानी की शिकायत की थी। इस मामले में सजा पाने वाले तीन अन्य लोगों में जिया के राजनीतिक मामलों के पूर्व सचिव हैरिस चौधरी, पूर्व सहयोगी जियाउल इस्लाम मुन्ना और ढाका के पूर्व मेयर सादिक हुसैन के निजी सचिव मुनिरल इस्लाम खान शामिल हैं।


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