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शोधकर्ताओं का दावा, कोरोना महामारी से लड़ने में मदद कर सकता है Hepatitis C ड्रग्स

शोधकर्ताओं का मानने है कि वायरल संक्रमण हेपेटाइटिस सी के इलाज में काम आने वाली दवाओं से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा सकता है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 02:19 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 02:19 PM (IST)
शोधकर्ताओं का दावा, कोरोना महामारी से लड़ने में मदद कर सकता है Hepatitis C ड्रग्स
शोधकर्ताओं का दावा, कोरोना महामारी से लड़ने में मदद कर सकता है Hepatitis C ड्रग्स

बर्लिन, पीटीआई। सुपरकंप्यूटर सिमुलेशन से किए गए विस्तृत गणनाओं पर आधारित एक अध्ययन के अनुसार वायरल संक्रमण हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) के उपचार के लिए स्वीकृत कई दवाओं को कोरोना वायरस (COVID-19) के लिए संभावित दवाओं के रूप में पहचाना गया है।

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जर्मनी में जोहान्स गुटेनबर्ग यूनिवर्सिटी मेंज (JGU) के शोधकर्ताओं ने खुले डेटाबेस में सूचीबद्ध लगभग 42,000 विभिन्न पदार्थों का अनुकरण किया है जो कोरोना वायरस महामारी पैदा करने वाले वायरस सार्स-कोव-2 के कुछ प्रोटीनों को बंधेते हैं। इस तरह से मानव शरीर में वायरस के प्रवेश को रोकने में मदद मिलती है।

जेजूयू और हेल्महोल्त्ज इंस्टीट्यूट मेंज द्वारा संचालित शक्तिशाली MOGON II सुपरकंप्यूटर का उपयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने दो महीनों के भीतर 30 बिलियन से अधिक एकल गणना की है। इस दौरान उन्होंने पाया कि चार हेपेटाइटिस सी ड्रग्स सिमेप्रेविर (Simeprevir), पेरिटाप्रेविर (Paritaprevir), ग्राजोप्रेविर (Grazoprevir,) और वेलपैटसवीर (Velpatasvir) से सार्स-कोव-2 को बहुत मजबूती से बांधने में सक्षम है, इसलिए संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के बुलेटिन में प्रकाशित अध्ययन के प्रमुख लेखक, जेजीयू के प्रोफेसर थॉमस एफर्ट ने कहा कि इस कंप्यूटर सिमुलेशन विधि को 'मॉलिक्यूलर डॉकिंग' के रूप में जाना जाता है। इसे वर्षों से मान्यता प्राप्त है और इसका उपयोग भी किया जाता है। यह लैब में किए जाने वाले प्रयोगों की तुलना में बहुत तेज और कम खर्चीला भी है।

एफर्ट ने कहा कि जहां तक ​​हम जानते हैं, हम सार्स-कोव-2 के साथ मॉलिक्यूलर डॉकिंग का उपयोग करने वाले पहले लोगों में से हैं और यह शानदार खबर है कि हमने उपचार के लिए आशाजनक उम्मीदवारों के रूप में हेपेटाइटिस सी की कई दवाओं का चयन किया है। परिणाम इस तथ्य से भी समर्थित हैं कि सार्स-कोव-2 और हेपेटाइटिस सी वायरस एक ही प्रकार का एक वायरस है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, जापानी हनीसकल (लोनिकेरा जपोनिका) का एक प्राकृतिक पदार्थ, जो एशिया में पिछले कुछ समय से विभिन्न अन्य बीमारियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है, कोरोना वायरस के खिलाफ एक और मजबूत उम्मीदवार हो सकता है।


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