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नेपाल में बाढ़ और लैंडस्लाइड से भारी तबाही, मरने वालों की संख्या 100 के पार; फसलों को भी हुआ नुकसान

प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने गुरुवार को सुदुर पश्चिम में बजहांग और कैलाली जिलों का दौरा किया और उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि त्वरित बचाव और राहत अभियान शुरू करें और जिन किसानों का धान बर्बाद हुआ है उन्हें राहत पैकेज देने का वादा किया।

By Neel RajputEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 03:39 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 03:39 PM (IST)
नेपाल में बाढ़ और लैंडस्लाइड से भारी तबाही, मरने वालों की संख्या 100 के पार; फसलों को भी हुआ नुकसान
बाढ़ और भूस्खलन के कारण 35 लोग लापता हुए

काठमांडू, आइएएनएस। नेपाल में हुई बेमौसम बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों का आंकड़ा 100 को भी पार कर गया है। अधिकारियों के अनुसार, इस बारिश के कारण अब तक 101 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि 35 लोग लापता हैं। बारिश के कारण हुई आपदाओं में 40 लोग घायल हो गए हैं और फसलों और संपत्तियों को भी भारी नुकसान हुआ है।

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आपदा और संघर्ष प्रबंधन प्रभाग के प्रमुख हम कला पांडे ने गुरुवार रात समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया, 'फिलहाल हम बचाव और राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। संपत्तियों के नुकसान का अनुमान बाद में लगाया जाएगा। हमने विभिन्न जिलों से 4,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।'

पांडे ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में मानसून के बाद सोमवार को शुरू हुई अप्रत्याशित बारिश ने पूर्व में एक प्रांत और पश्चिम में सुदुर पश्चिम और करनाली प्रांतों को प्रभावित किया था। उन्होंने कहा, 'गुरुवार को भारी बारिश नहीं हुई थी, इसलिए हम उम्मीद कर रहे हैं कि अब और नुकसान नहीं होगा।' प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने गुरुवार को सुदुर पश्चिम में बजहांग और कैलाली जिलों का दौरा किया और उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि त्वरित बचाव और राहत अभियान शुरू करें और जिन किसानों का धान बर्बाद हुआ है उन्हें राहत पैकेज देने का वादा किया।

कृषि और पशुधन विकास मंत्रालय के एक अनुमान के मुताबिक, 10 अरब एनपीआर (8 मिलियन डालर) का धान नष्ट हो गया है। मंत्रालय के प्रवक्ता प्रकाश कुमार संजेल ने कहा, हमने नुकसान की रिपोर्ट इकट्ठा करनी शुरू कर दी हैं। वास्तविक नुकसान का पता लगाने में कुछ दिन लगेंगे। सरकार ने आपदाओं में परिवार का एक सदस्य खोने वाले प्रत्येक परिवार को 200,000 एनपीआर और एक से अधिक सदस्यों को खोने वाले परिवारों को अतिरिक्त 100,000 एनपीआर प्रदान करने का निर्णय लिया है। वहीं, इन आपदाओं में जिन लोगों ने अपने घर खो दिए हैं उनको सरकार तीन लाख एनपीआर और पांच लाख एनपीआर के बीच सहायता प्रदान करती है।


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