कोरोना के इलाज में एचसीक्यू व क्लोरोक्वीन असरदार नहीं, जर्मन वैज्ञानिकों ने किया खुलासा
क्लोरोक्वीन देने के बाद भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के फेफड़े के सेल में किसी तरह का एंटीवायरल प्रभाव नजर नहीं आया।
बर्लिन, प्रेट्र। कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में अहम मानी जाने वाली दवा क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर नई जानकारी सामने आई है। 'नेचर' नामक पत्रिका में छपे दो अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ ये दोनों दवाइयां अकेले या एंटीबायोटिक अजिथ्रोमाइसीन के साथ देने पर भी कोई एंटीवायरल प्रभाव नहीं छोड़ सकी हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में एचसीक्यू और क्लोरोक्वीन का असर नहीं
वैज्ञानिकों के मुताबिक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) और क्लोरोक्वीन का इस्तेमाल आमतौर पर मलेरिया के इलाज में किया जाता है। कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में इसके प्रभाव का पता लगाने के लिए 80 से ज्यादा क्लीनिकल ट्रायल किए गए थे, लेकिन कहीं भी इसका असर नहीं देखने को मिला।
कोरोना के खिलाफ एचसीक्यू का एंटीवायरल असर देखने को नहीं मिला
विज्ञानियों के साथ एक अध्ययन में शामिल फ्रांस के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च के रोजर ली ग्रांड ने कहा कि कोरोना के खिलाफ एचसीक्यू का एंटीवायरल असर नहीं देखने को मिला है। अध्ययन में संक्रमण के शुरुआती चरण से लेकर आखिरी चरण के रोगियों पर इसके असर का आकलन किया गया।
क्लोरोक्वीन देने के बाद भी कोरोना मरीज के फेफड़े के सेल में एंटीवायरल प्रभाव नजर नहीं आया
एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि क्लोरोक्वीन देने के बाद भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के फेफड़े के सेल में किसी तरह का एंटीवायरल प्रभाव नजर नहीं आया। विज्ञानियों ने इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि पहले के अध्ययनों में यह दवा इसलिए कारगर नजर आई थी, क्योंकि जिन मरीजों को यह दी गई थी उनके फेफड़े में एंजाइन मौजूद नहीं था। आमतौर पर फेफड़े में एंजाइम रहता है, जो कोरोना वायरस के लिए वाहक का काम करता है। विज्ञानियों का कहना है कि इन अध्ययनों से यह साफ हो गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में ये दोनों ही दवाइयां असरदार नहीं हैं।