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हसीना को रोहिंग्या संकट में कंबोडिया से मदद की उम्मीद

हसीना ने रोहिंग्या संकट के स्थायी हल और उन्हें सकुशल म्यांमार वापस भेजने के लिए कंबोडिया से मदद की उम्मीद जताई है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Mon, 04 Dec 2017 04:42 PM (IST)Updated: Mon, 04 Dec 2017 04:42 PM (IST)
हसीना को रोहिंग्या संकट में कंबोडिया से मदद की उम्मीद
हसीना को रोहिंग्या संकट में कंबोडिया से मदद की उम्मीद

न्योमपेंह (आइएएनएस)। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रोहिंग्या संकट पर फिर से अपनी चिंता जताई है। सोमवार को कंबोडिया में थीं, यहां उन्होंने रोहिंग्या संकट के स्थायी समाधान के लिए कंबोडिया से मदद की अपेक्षा जताई। हसीना ने न्योम पेंह में कंबोडिया के अपने समकक्ष हुन सेन के समक्ष इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया। एक संयुक्त बयान में हसीना ने कहा कि आतंकवाद को लेकर सुरक्षा चुनौतियों पर दोनों देशों के बीच वार्ता हुई। दोनों देशों में शांति और स्थायित्व में रोहिंग्या संकट की बाधा पर भी हमने चर्चा की। आपको बता दें कि म्यांमार के रखाइन में सेना के अत्याचारों से तंग आकर रोहिंग्याओं ने वहां से भाग कर बांग्लादेश में शरण ले लिया था।

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बताया जाता है कि हसीना ने रोहिंग्या संकट के स्थायी हल और उन्हें सकुशल म्यांमार वापस भेजने के लिए कंबोडिया से मदद की उम्मीद जताई है। दूसरी तरफ कंबोडिया नेता ने बांग्लादेश की सराहना करते हुए कहा कि, हालांकि देश में पहले स ही 160 मिलियन की जनसंख्या है उसके बावजूद बांग्लादेश ने रोहिंग्या शरणार्थियों का बोझ अपने कंधों पर उठाया।

जानकारी के मुताबिक, सेना और स्थानीय ने बिना सोचे समझे म्यांमार के रखाइन में लोगों की जानें लीं, महिलाओं का रेप किया, लूटपाट मचाई और आगजनी को अंजाम दिया था। बांग्लादेश और म्यांमार ने 23 नवंबर को शरणार्थियों के वापस म्यांमार वापस भेजने के एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किया। इसके तहत उन्हें वापस म्यांमार भेजे जाने की प्रक्रिया दो महीने के अंदर पूरी कर लेनी है। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन ने बांग्लादेश की सराहना की थी।

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