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श्रृंगला पहुंचे जाफना, पलाली एयरपोर्ट का किया निरीक्षण, श्रीलंका के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात

भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने रविवार को श्रीलंका के जाफना प्रांत में जाकर वहां बन रहे पलाली एयरपोर्ट का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने भारत के सहयोग के किए जा रहे अन्य विकास कार्यो को भी देखा।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 04 Oct 2021 12:41 AM (IST)Updated: Mon, 04 Oct 2021 12:41 AM (IST)
श्रृंगला पहुंचे जाफना, पलाली एयरपोर्ट का किया निरीक्षण, श्रीलंका के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने पलाली एयरपोर्ट का निरीक्षण किया।

कोलंबो, प्रेट्र। भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने रविवार को श्रीलंका के जाफना प्रांत में जाकर वहां बन रहे पलाली एयरपोर्ट का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने भारत के सहयोग के किए जा रहे अन्य विकास कार्यो को भी देखा। श्रृंगला चार दिन की सरकारी यात्रा पर शनिवार को कोलंबो पहुंचे थे। उनका श्रीलंका के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं-अधिकारियों से मुलाकात का भी कार्यक्रम है।

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कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने बताया है कि विदेश सचिव ने तमिल बहुल जाफना के पलाली एयरपोर्ट में हो रहे कार्यो का निरीक्षण किया। भारत ने इस एयरपोर्ट के रनवे के विस्तार के लिए श्रीलंका को 30 करोड़ रुपये की सहायता दी है। श्रीलंका सरकार ने 2019 में पलाली एयरपोर्ट को अपना तीसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित किया था, तभी से पलाली और चेन्नई के बीच सप्ताह में दो दिन विमान सेवा चल रही थी।

कोविड-19 के चलते मार्च 2020 से यह सेवा रुकी हुई है। श्रृंगला ने जाफना में बने सांस्कृतिक केंद्र का भी दौरा किया। इस केंद्र के निर्माण के लिए भारत ने करीब 80 करोड़ रुपये की मदद दी है। इस केंद्र का निर्माण तमिल संस्कृति के अनुरूप किया गया है और यह प्रांत का अनुपम दर्शनीय स्थल बन गया है। श्रृंगला ने कैंडी के दंत मंदिर जाकर वहां दर्शन किए। कहा कि इस मंदिर में श्रीलंका और भारत के श्रद्धालुओं के बीच समान रूप से आस्था है।

राजपक्षे भाइयों के अलावा, श्रृंगला चर्चा के लिए मुख्य तमिल पार्टी, तमिल नेशनल एलायंस के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे। भारत लगातार श्रीलंका से तमिल समुदाय के हितों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आह्वान करता रहा है। श्रीलंका में तमिल समुदाय संविधान में 13वें संशोधन को लागू करने की मांग कर रहा है, जो उसे सत्ता हस्तांतरण का प्रावधान प्रदान करता है। 13वां संशोधन 1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के बाद लाया गया था। 


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