गोलान पहाडि़यों पर इजरायल के कब्जे को ट्रंप द्वारा मान्यता दिए जाने के खिलाफ खड़े हुए खाड़ी देश
सामरिक रूस से अहम गोलान पहाडि़यों को इजरायल ने 1967 के युद्ध में सीरिया से छीन लिया था। इसके बाद इजरायल ने 1981 में इस क्षेत्र को अपने में मिला लिया था।
दुबई, रायटर/आइएएनएस। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गोलान पहाडि़यों को इजरायली क्षेत्र के तौर पर मान्यता दिए जाने के विरोध में खाड़ी देश खुलकर सामने आ गए हैं। चार खाड़ी देशों ने मंगलवार को ट्रंप के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की और उनकी मान्यता को खारिज कर दिया। सऊदी अरब ने यह चेतावनी तक दे डाली कि इस कदम से शांति प्रक्रिया और क्षेत्रीय स्थिरता को गहरा धक्का पहुंचेगा। ट्रंप ने सोमवार को गोलान पहाडि़यों पर अपने फैसले का एलान अमेरिका के दौरे पर आए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मौजूदगी में किया था।
सऊदी अरब, बहरीन, कतर और कुवैत ने गोलान पहाडि़यों पर इजरायल के कब्जे को मान्यता दिए जाने के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि यह अरब क्षेत्र की जमीन पर कब्जा है। ये चारों देश अमेरिका के क्षेत्रीय सहयोगी हैं और अमेरिकी सेना की मेजबानी करते हैं।
सऊदी अरब ने कहा, 'इसका पश्चिमी एशिया में शांति प्रक्रिया, सुरक्षा और स्थिरता पर बड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सोमवार को की गई यह घोषणा संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और अंतराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।' कुवैत और बहरीन ने ट्रंप के फैसले पर अफसोस जताया, जबकि कतर ने इजरायल से गोलान पहाडि़यों को कब्जा मुक्त करने और अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों का पालन करने की मांग की।
1967 में इजरायल ने गोलान पहाडि़यों पर किया था कब्जा
सामरिक रूस से अहम गोलान पहाडि़यों को इजरायल ने 1967 के युद्ध में सीरिया से छीन लिया था। इसके बाद इजरायल ने 1981 में इस क्षेत्र को अपने में मिला लिया था। इस कदम को हालांकि अंतरराष्ट्रीय तौर पर मान्यता नहीं मिली है।