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मिल गया पॉलीथीन का विकल्प, वैज्ञानिकों ने तैयार किया इको-फ्रेंडली पैकेजिंग मैटेरियल

शोधकर्ताओं ने कहा कि सेलूलोज का इस्तेमाल पैकेजिंग कागज के उत्पाद टेक्सटाइल और यहां तक कि चिकित्सा अनुप्रयोगों जैसे घाव भरने और दवा वितरण में भी किया जा सकता है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 07:01 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 07:12 PM (IST)
मिल गया पॉलीथीन का विकल्प, वैज्ञानिकों ने तैयार किया इको-फ्रेंडली पैकेजिंग मैटेरियल
मिल गया पॉलीथीन का विकल्प, वैज्ञानिकों ने तैयार किया इको-फ्रेंडली पैकेजिंग मैटेरियल

मेलबर्न, प्रेट्र। भविष्य में केले के पौधे पॉलीथीन का एक अच्छा विकल्प दे सकते हैं। वैज्ञानिकों ने केले के पौधों से एक ऐसा पैकेजिंग मैटेरियल तैयार किया है जो पर्यावरण के अनुकूल तो है ही। साथ ही इसे रिसाइकल भी किया जा सकता है।

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ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स (UNSW) के शोधकर्ताओं के अनुसार, केले के बढ़ते उद्योग में बड़ी मात्रा में जैविक कचरे का उत्पादन होता है, जिसमें केवल 12 फीसद पौधे का उपयोग किया जाता है जबकि बाकी को फसल की कटाई के बाद छोड़ दिया जाता है।

केले के पौधों का किया जा सकता है इस्तेमाल

UNSW के एसोसिएट प्रोफेसर जयश्री आरकोट ने कहा, 'अन्य फसलों की तलुना में केले की फसल की कटाई के बाद उसका एक बड़ा हिस्सा फेंक दिया जाता है। जबकि उसका कई तरह से उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पौधे से केले और उसकी पत्तियों की कटाई के बाद पौधे को काट कर फेंक दिया जाता है या खेत में ही सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है। लेकिन इसे फेंकने की बजाय एक नए उद्योग की शक्ल दी जा सकती है।

आरकोट ने कहा कि हालांकि बेकार हिस्से का कुछ लोग टेक्सटाइल और खाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं। लेकिन यह काम बहुत छोटे स्तर पर किया जाता है। केले के बेकार फेंक दिए जाने वाले हिस्से का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए यूएनएसडब्ल्यू की प्रोफेसर मार्टिना स्टेनजेल और आरकोट ने मिलकर काम किया और केले के पौधे के सेलूलोज का इस्तेमाल कर पैकेजिंग मैटिरियल किया।

इन जगहों पर होगा इस्तेमाल

शोधकर्ताओं ने कहा कि सेलूलोज का इस्तेमाल पैकेजिंग, कागज के उत्पाद, टेक्सटाइल और यहां तक कि चिकित्सा अनुप्रयोगों जैसे घाव भरने और दवा वितरण में भी किया जा सकता है।

रॉयल बोटेनिक गार्डन सिडनी में उगाए गए केले के पौधों से स्यूडोस्टेम (छाल) का उपयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने पैकेजिंग विकल्प के रूप में इसकी उपयुक्तता का परीक्षण करने के लिए सेल्यूलोज को निकाला।

रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद तैयार होगा पैकेजिंग मैटेरियल

आरकोट ने कहा, 'स्यूडोस्टेम में 90 फीसदी पानी होता है। पैकेजिंग मैटेरियल तैयार करने के लिए हमने पहले स्यूडोस्टेम को प्रयोगशाला में ओवन के जरिये सुखाया और फिर इसे बहुत महीन पाउडर में मिलाया। कई रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद इससे पैकेजिंग मैटेरियल तैयार किया। उन्होंने कहा कि इसकी मदद से मजबूत शॉपिंग बैग समेत कई प्रकार की सामग्रियां बनाई जा सकती हैं।


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