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अफगानिस्तान के इन तीन प्रांतों में फिर से खोले गए गर्ल्स स्कूल, करीब दो महीने बाद लौंटी छात्राएं

शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान समय में अफगानिस्तान में 14098 स्कूल संचालित किए जा रहे हैं जिनमें से 4932 स्कूल में 10-12 ग्रेड के छात्र हैं 3781 में ग्रेड 7-9 और 5385 में ग्रेड 1-6 के छात्र हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 10 Oct 2021 03:15 PM (IST)Updated: Sun, 10 Oct 2021 03:15 PM (IST)
अफगानिस्तान के इन तीन प्रांतों में फिर से खोले गए गर्ल्स स्कूल, करीब दो महीने बाद लौंटी छात्राएं
स्कूल वापस जाने के बाद छात्राएं उत्साहित

काबुल, आइएएनएस। अफगानिस्तान के तीन प्रांतों में छात्राओं ने फिर से स्कूल जाना शुरू कर दिया है। टोलो न्यूज के मुताबिक कुंदुज, बल्ख और सर-ए-पुल प्रांतों में छात्राओं ने फिर से स्कूल जाना शुरू कर दिया है। प्रांतीय शिक्षा विभाग के प्रमुख जलील सैयद खिली ने बताया कि गर्ल्स स्कूल खोल दिए गए हैं और छात्राओं ने स्कूल आना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि छात्र और छात्राओं के स्कूल अलग कर दिए गए हैं। बता दें कि तालिबान के कब्जे के बाद छात्राओं के स्कूल जाने पर पाबंदी लग गई थी।

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जलील सैयद खिली ने बताया कि स्कूल आने की इजाजत मिलने से छात्राएं काफी खुश हैं। बल्ख की राजधानी मजार-ए-शरीफ में 4,600 से अधिक छात्र और 162 शिक्षक हैं। यहां एक छात्रा सुल्तान रजिया ने कहा, 'शुरुआत में स्कूल में छात्राओं की संख्या कम थी लेकिन अब संख्या बढ़ रही है।' स्कूल की एक अन्य छात्रा तबस्सुम ने कहा, 'शिक्षा हमारा अधिकार है, हम अपने देश को बेहतर बनाना चाहते हैं और कोई भी हमसे शिक्षा का अधिकार नहीं ले सकता है और ना ही लेना चाहिए।'

बल्ख शिक्षा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, प्रांत में करीब 50,000 छात्रों के साथ 600 से अधिक स्कूल सक्रिय हैं। पिछले महीने, तालिबान द्वारा नियुक्त शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि केवल लड़कों के स्कूल फिर से खुलेंगे और केवल पुरुष शिक्षक ही अपनी नौकरी फिर से शुरू कर सकते हैं। मंत्रालय ने हालांकि, शिक्षिकाओं या लड़कियों के स्कूल लौटने के बारे में कुछ नहीं कहा था। शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान समय में अफगानिस्तान में 14,098 स्कूल संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें से 4,932 स्कूल में 10-12 ग्रेड के छात्र हैं, 3,781 में ग्रेड 7-9 और 5,385 में ग्रेड 1-6 के छात्र हैं।

आंकड़ों के अनुसार, कुल स्कूलों में से ग्रेड 10-12 में 28 प्रतिशत, 7-9 में 15.5 प्रतिशत और ग्रेड 1-6 में 13.5 प्रतिशत गर्ल्स स्कूल हैं। संस्कृति और सूचना मंत्रालय के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य सईद खोस्ती ने कहा, 'यहां कुछ तकनीकी समस्याएं हैं। ऐसी समस्याएं हैं जिन्हें मौलिक रूप से हल किया जाना चाहिए और जिनके लिए नीति और रूपरेखा बनाने की आवश्यकता है। यह ढांचा इस तरह स्थापित किया जाना चाहिए कि कैसे हमारी लड़कियां अपनी पढ़ाई जारी रख सकती हैं। जब इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा, तो सभी लड़कियां स्कूल जा सकेंगी।' वहीं, छात्राओं ने कहा कि हालांकि तालिबान ने बार-बार कहा है कि वह बदल गया है लेकिन उनका हालिया निर्णय निराशाजनक है जिससे लड़कियों और युवतियों को अपने अधिकारों के और नुकसान का डर है।


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