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Delta Variant of Corona : डेल्‍टा वैरिएंट से सहमा जर्मनी, WHO ने किया खबरदार, कहा- गति पकड़ चुका है वायरस

जर्मन में डेल्‍डा वैरिएंट के मामले सामने आए है। जर्मनी में नए मामलों में छह फीसद मरीज डेल्‍टा वैरिएंट के हैं। देश में डेल्‍टा वैरिएंट के केस म‍िलने से जर्मनी की सरकार सकेते में आ गई है। सरकार अब इस पर पैनी नजर रखे हुए है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 03:47 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 03:53 PM (IST)
Delta Variant of Corona : डेल्‍टा वैरिएंट से सहमा जर्मनी, WHO ने किया खबरदार, कहा- गति पकड़ चुका है वायरस
डेल्‍टा वैरिएंट से सहमा जर्मनी, WHO ने किया खबरदार, कहा- गति पकड़ चुका है वायरस। फाइल फोटो।

बर्लिन, एजेंसी। जर्मन के स्‍वास्‍थ्‍य एजेंसी ने कहा कि देश में डेल्‍डा वैरिएंट के मामले सामने आए है। जर्मनी में नए मामलों में छह फीसद मरीज डेल्‍टा वैरिएंट के हैं। देश में डेल्‍टा वैरिएंट के केस म‍िलने से जर्मनी की सरकार सकते में आ गई है। सरकार अब इस पर पैनी नजर रखे हुए है। उधर, विश्व में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का कहर तेजी से बढ़ रहा है। यह वैरिएंट अब तक करीब 80 देशों में दस्तक दे चुका है।

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अन्य वैरिएंट के मुकाबले डेल्टा ज्यादा हावी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की प्रमुख विज्ञानी सौम्या स्वामिनाथन ने कहा कि कोरोना के अन्य वैरिएंट के मुकाबले डेल्टा ज्यादा हावी होता जा रहा है, क्योंकि यह तेजी से प्रसार कर रहा है। यह वैरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था। इसे ज्यादा संक्रामक बताया जाता है। डब्ल्यूएचओ की ओर से गत 15 जून को जारी किए गए साप्ताहिक डाटा के अनुसार, डेल्टा वैरिएंट करीब 80 देशों में पहुंच चुका है। स्वामीनाथन ने शुक्रवार को जिनेवा में पत्रकारों से बातचीत में एक सवाल पर कहा, 'डेल्टा वैरिएंट दुनिया में कोरोना का सबसे प्रबल स्वरूप बनता जा रहा है, क्योंकि इससे संक्रमण का प्रसार तेजी से हो रहा है।'

रूस समेत यूरोप के कई देश सहमे

जर्मनी के शीर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी ने यह भविष्यवाणी की है कि टीकाकरण दरों में वृद्धि के बावजूद यह तेजी से प्रमुख संस्करण बन जाएगा। इस वायरस ने रूस में भी अपना दायरा बढ़ाया है। रूस में डेल्‍टा वैरिएंट के मरीजों की संख्‍या में वृद्धि हाे रही है। क्रेमलिन ने मॉस्को में रिकॉर्ड नए संक्रमणों के पीछ नए डेल्टा संस्करण को जिम्मेवार बताया है। तीसरी लहर की आशंकाओं को जताया गया। उधर, ब्रिटेन ने डेल्टा संस्करण के साथ संक्रमण में भारी वृद्धि की सूचना दी है।

वैरिएंट्स से निपटने और रिसर्च और बेहतर प्लान की जरूरत

कोरोना वायरस से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए सौम्या ने कहा कि अभी तक जितनी वैक्सीन हमारे पास उपलब्ध हैं और जिनका प्रयोग किया जा रहा है, हमें उनके बारे में ज्यादा डेटा की जरूरत है। हम ये जानना चाहते हैं कि किस देश में किस तरह के वैरिएंट और कौन सी वैक्सीन इस्तेमाल की जा रही है। हमारे पास डेटा है, लेकिन अभी कुछ आंकड़े और जरूरी हैं। इसके बाद हम इन वैरिएंट्स से निपटने और रिसर्च के लिए बेहतर प्लान बना सकेंगे।

डेल्टा संस्करण पहली बार भारत में पहचाना गया

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना का डेल्टा संस्करण, जिसे पहली बार भारत में पहचाना गया था। इस बीमारी का विश्व स्तर पर प्रभाव बढ़ता नजर आ रहा है। उन्‍होंने डब्ल्यूएचओ के प्रभावकारिता मानक को पूरा करने के लिए एक परीक्षण में क्योरवैक वैक्सीन की असफलता पर भी निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस अत्यधिक ट्रांसमिसिबल वेरिएंट के लिए अधिक शक्तिशाली वैक्सीन का जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि डेल्टा स्वरूप विश्व में कोविड-19 का सर्वाधिक प्रबल स्वरूप बनता जा रहा है क्योंकि इससे कहीं अधिक तेजी से संक्रमण का प्रसार होता है।


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