भारत की तर्ज पर जर्मनी ने भी लॉन्च किया कोरोना से बचाव को एप, चेन तोड़ने में मदद की उम्मीद
जर्मनी ने कोरोना से बचाव के लिए एक ब्लूटूथ आधारित तकनीक पर चलने वाला एप लॉन्च किया है। इसी तरह का एप भारत समेत आस्ट्रेलिया में भी काम कर रहा है।
बर्लिन (रॉयटर्स)। पूरी दुनिया में कोरोना मरीजों की संख्या 80 लाख के पार हो गई है। दवाई विकसित न होने की वजह से भी इसका प्रकोप अभी कम नहीं हुआ है। वहीं कुछ देश दवा के अभाव में अपने नागरिकों को इस महामारी से बचाने के लिए तकनीक का सहारा ले रहे हैं। इसके लिए अलग-अलग देशों ने एप डेवलेप किए हैं। जर्मनी ने भी कोरोना से बचाव को एक एप तैयार किया है। मंगलवार को इस एप को लॉन्च किया गया। इसका मकसद कोरोना की लगातार बढ़ रही चेन को तोड़ना है। ये एप किसी व्यक्ति के कोरोना पॉजीटिव मरीज के नजदीक आने या जाने पर उसको चेतावनी देता है।
आपको बता दें कि जर्मनी में कोरोना संक्रमितों की संख्या 188,044 तक जा पहुंची है। यहां पर इसकी वजह से अब तक 8885 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। सरकार की तरफ से लगातार इस वायरस की रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ये एप भी उन्हीं प्रयासों की एक कड़ी के तौर पर सामने आया है। हालांकि जर्मनी में अप्रैल के मुकाबले अब रोजाना आने वाले नए मामलों में काफी गिरावट आ चुकी है, लेकिन ये अब भी खत्म नहीं हुआ है। सरकार की तरफ से लॉन्च किया गया ये एप ब्लूटूथ तकनीक से काम करता है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि इसी तकनीक पर आधारित आरोग्य एप भारत में काफी समय पहले लॉन्च किया गया था। इस एप के जरिए व्यक्ति को अपने आसपास कोरोना पॉजीटिव मरीज की जानकारी समय रहते मिल जाती है।
यूरोपीयन यूनियन के नेता इस महामारी को रोकने के लिए साझा प्रयास भी कर रहे हैं। जर्मनी इस लॉन्च को करने के साथ ही उन यूरोपीय देशों की सूची में शामिल हो गया है जहां पर कोरोना से बचाव को ब्लूटूथ आधारित एप काम कर रहे हैं। इनमें स्विटजरलैंड, इटली, पौलेंड और लात्विया शामिल है। हालांकि पहले नॉर्वे भी इस सूची में शामिल था लेकिन वहां पर इसको लेकर उठे विवाद के बाद एप को फिलहाल स्थागित कर दिया । नॉर्वे ने ये कदम देश की राष्ट्रीय डाटा सुरक्षा एजेंसी से मिली रिपोर्ट के बाद उठाया है। इसे अप्रैल में वहां पर शुरू किया गया था।
भारत सरकार के कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा इसकी जरूरत विमान या ट्रेन से यात्रा करने के लिए भी जरूरी है। यदि किसी के पास ये एप नहीं है तो उसको एक शपथ पत्र देकर बताना पड़ेगा कि वो कोरोना से संक्रमित नहीं है। भारत में करोड़ों लोगों द्वारा इसका इस्तेमाल किया जा रहा है और ये काफी कारगर साबित हो रहा है। ब्लूटूथ के माध्यम से काम करने वाला ये एप कोरोना मरीज के संपर्क में आते ही चेतावनी दे देता है।
ऑस्ट्रेलिया में भी इसी तरह के एक एप की मदद कोरोना से बचाव के लिए ली जा रही है। इसका नाम कोविडसेफ है। इसका इस्तेमाल यहां पर लाखों लोग कर रहे हैं। सरकार ने भी अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल करें जिससे कोरोना की चेन को तोड़ने में मदद मिल सके।
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