जर्मनी में असैन्य सेवाकर्मियों की भारी कमी, विदेशियों की भर्ती करेगी जर्मन सरकार
जर्मन रक्षा प्रमुख जनरल एबरहार्ड ज़ोर्न ने कहा कि डॉक्टर और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विशेषज्ञों की भारी कमी के चलते सेना विदेशी नागरिकों की भर्ती करने पर विचार कर रही है।
बर्लिन [ एजेंसी ]। जर्मनी में 50 साल से चली आ रही अनिवार्य सैन्य सेवा को समाप्त कर दिया गया है। इसका असर अनिवार्य असैनिक सेवा के क्षेत्र पर भी पड़ा है। इसके चलते सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी कर्मचारियों की भारी कमी होने की आशंका है। इसी बीच गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में जर्मनी ने कहा है कि वह असैन्य सेवा के लिए विदेशियों की भर्ती करने जा रहा है। हालांकि, अभी इस योजना पर परस्पर विरोधी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। दरअसल, अनिवार्य सेवा समाप्त करने के बाद ये आशंका पैदा हो गई है कि अस्पतालों और ओल्ड होम जैसे सामाजिक सुरक्षा संस्थानों में कम पैसे पर काम करने वाले कामगारों की कमी हो जाएगी।
जर्मन रक्षा प्रमुख जनरल एबरहार्ड ज़ोर्न ने कहा कि डॉक्टर और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विशेषज्ञों की भारी कमी के चलते सेना विदेशी नागरिकों की भर्ती करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि कुशल श्रम की कमी के कारण हमने अपने सभी विकल्प खोल कर रखे हैं।
सेना प्रमुख की इन टिप्पणियों के कुछ घंटों बाद न्यूज़ मैगजीन डेर स्पीगेल में एक सरकारी रिपोर्ट लीक होने से यहां हड़कंप मच गया है। इस रिपोर्ट में अन्य यूरोपीय संघ के देशों के नागरिकों की भर्ती की व्यापक योजना पर प्रकाश डाला गया है। इस रिपोर्ट में 18 से 40 वर्ष की उम्र के बीच बड़ी संख्या में विदेशियों को विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं में जोड़ने पर चर्चा की गई है। विशेष रूप से इसमें यह सुझाव दिया गया है कि जर्मनी में पहले से ही रह रहे लगभग बीस लाख पोल, इटालियंस और रोमानियन को अच्छे उम्मीदवार बनाएंगे।
उधर, रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने लीक हुई रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। लेकिन प्रवक्ता का कहना है कि उसने किसी भी योजना पर विचार स्पष्ट रूप से परिभाषित भूमिकाओं के लिए उच्च प्रशिक्षित भर्तियों तक ही सीमित था। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के पास लगभग 1,80,000 सैनिक हैं। इसमें लगभग एक-तिहाई जो कि पूर्व पश्चिम जर्मनी के 1990 में थे, लेकिन सरकार ने अगले कुछ वर्षों में सेना का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बीच जर्मनी रक्षा मंत्री उर्सुला वॉन डी लेयेन ने कहा कि वर्ष 2014 से सेना को आधुनिक और आकर्षक बनाने के लिए भर्ती प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है।