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बेरूत विस्फोट में जर्मन राजनयिक भी मारे गए, अब तक 135 की मौत, 5 हजार से ज्‍यादा घायल

बेरूत को हिला देने वाले विस्फोट में 135 लोग मारे गए और 5000 से अधिक घायल हो गए। इनकी संख्या बढ़ सकती है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 04:02 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 04:02 PM (IST)
बेरूत विस्फोट में जर्मन राजनयिक भी मारे गए, अब तक 135 की मौत, 5 हजार से ज्‍यादा घायल
बेरूत विस्फोट में जर्मन राजनयिक भी मारे गए, अब तक 135 की मौत, 5 हजार से ज्‍यादा घायल

बेरूत, एएफपी। लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए जबरदस्‍त विस्फोट में जर्मन राजनयिक भी मारे गए। यह जानकारी बर्लिन ने दी है। बेरूत को हिला देने वाले विस्फोट में 135 लोग मारे गए और 5,000 से अधिक घायल हो गए। इनकी संख्या बढ़ सकती है।

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 आम आदमी से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक जानलेवा धमाके को लेकर चिंता जताई है। बेरूत की बचाव टीमों ने बुधवार को शवों को बाहर निकाला और भारी संख्या में लापता लोग भी मिले, जो मलबे में दबे हुए थे। यह धमाका राजधानी स्थित गोदाम में हआ। इस धमाके से बेरूत में विनाशकारी तस्वीरें सामने आई।   संवेदना प्रकट करते हुए एफिल टॉवर ने भी अपने लाइट्स बंद कर दी। जिसके बाद अंधकार छा गया।

गोदाम विस्फोट के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए एफिल टॉवर ने अपनी लाइट्स बंद कर दी। इसके अलावा पेरिस में Sacre Coeur basilica के बाहर एक लोगों के समूह ने मोमबत्ती जलाते हुए दुख जताया।

 प्रधानमंत्री हसन दीब ने गुरुवार से देश में तीन दिनों के शोक की घोषणा की। शुरुआती जांच में बेरूत बंदरगाह पर विस्फोट के लिए लापरवाही का आरोप लगाया गया है। विस्फोट इतना तेज था कि काफी दूर तक घरों की खिड़कियां टूट गईं।

स्थानीय टीवी चैनलों के मुताबिक, पोर्ट के पास जहां धमाका हुआ, वहां एक गोदाम में पटाखे जमा किए गए थे। यह विस्फोट बेरूत में अब तक का सबसे शक्तिशाली था, जो कि तीन दशक पहले खत्म हुए गृहयुद्ध और आर्थिक मंदी से उबरने और कोरोना वायरस संक्रमणों में वृद्धि के समय हुआ।

कभी नहीं देखा ऐसा धमाका 

प्रत्यक्षदर्शियों ने यहां तक कहा कि ऐसा लगा मानो कोई परमाणु हमला हुआ हो। लेबनान के वैज्ञानिकों ने भी कहा कि 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट (Ammonium Nitrate) विस्फोटक से जैसा ब्लास्ट हुआ है, वह दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा में हुए एटम बम धमाके की 20 फीसद तीव्रता का है। यह विस्‍फोट इतना शक्तिशाली था कि लगभग 100 मील (160 किमी) की दूरी पर साइप्रस तक सुने गए ब्लास्ट का धुआं सवेरे तक बंदरगाह से निकलता रहा। बेरूत के गवर्नर ने भी हादसे की तुलना हिरोशिमा-नागासाकी परमाणु बम धमाके से की है। 


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