UNSC: जी4 ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग उठाई, आईजीएन में भी आमूलचूल बदलाव की जरूरत
जी-4 के सदस्य भारत ब्राजील जापान और जर्मनी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में तुरंत सुधार की जरूरत पर बल दिया। समूह ने कहा कि अंतर सरकारी वार्ताएं (आईजीएन) ढांचे में भी आमूलचूल बदलाव की जरूरत है। File Photo
न्यूयॉर्क, एएनआई। जी-4 के सदस्य भारत, ब्राजील, जापान और जर्मनी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में तुरंत सुधार की जरूरत पर बल दिया। समूह ने कहा कि अंतर सरकारी वार्ताएं (आईजीएन) ढांचे में भी आमूलचूल बदलाव की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 77वें सत्र की प्रारंभिक IGN बैठक को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत एंटजे लेन्डर्ट्से ने जी-4 की तरफ से कहा कि सुरक्षा परिषद में तुरंत सुधार किए जाने की जरूरत है। उन्होंने इस पर भी हैरानी जताई कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य इससे निराश हैं कि सुरक्षा परिषद अपने चार्टर में निर्धारित काम नहीं कर पा रही है, फिर भी इसके ढ़ांचे में सुधार के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है।
अंतर सरकारी वार्ताओं में होना चाहिए मसौदा
भाषण के दौरान जर्मन प्रतिनिधि ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से सदस्य आईजीएन के लिए इकट्ठे होते हैं, फिर भी इन चर्चाओं में हितधारकों की स्थिति दर्शाने के लिए मसौदा तक नहीं होता। आईजीएन की रूपरेखा में इस खामी से सदस्य किसी मामले में आगे नहीं बढ़ पाते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इन चर्चाओं में विषय का मसौदा होना चाहिए और सदस्य इसके पैराग्राफों पर चर्चा करते हुए अपनी राय जोड़ें ताकि सभी सदस्यों की राय शामिल करके इसे अंतिम रूप दिया जा सके।
अफ्रीकी देश को शामिल करने का समर्थन
सुरक्षा परिषद की जटिल और चुनौती पूर्ण वैश्विक समस्याओं का उल्लेख करते हुए जी-4 ने कहा कि यह पूरे संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि इस वर्ष व्यर्थ की चर्चाओं से आगे बढ़ा जाए। उन्होंने कहा कि जी-4 चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। परिषद के गैर-स्थायी सदस्यों के चुनाव में भी छोटे एवं मध्यम आकार के देशों और द्वीपीय देशों को स्थान मिलना चाहिए। उन्होंने नई सुरक्षा परिषद में किसी अफ्रीकी देश को प्रतिनिधित्व दिए जाने का भी समर्थन किया। उन्होंने साफ किया कि जी4 सुरक्षा परिषद में भौगोलिक विविधता का पक्षधर है।