9 दिनों से गुफा में फंसे फुटबॉलर्स ने वीडियो संदेश के जरिए कहा- 'हम ठीक हैं'
गुफा में लापता इन 11 फुटबॉलर्स और उनके कोच की खोज के अभियान में अमेरिकी सैनिक और ब्रिटिश गोताखोर भी शामिल हो गए हैं।
बैंकॉक (एजेंसी)। थाईलैंड की एक गुफा में पिछले 9 दिनों से लापता 11 फुटबॉल खिलाड़ियों और उनके कोच का एक नया वीडियो जारी किया गया है। वीडियो में वे सभी फुटबॉल खिलाड़ी हंसते हुए कह रहे हैं कि गुफा में लापता होने के 9 दिनों के बाद उन्हें गोताखोरों ने ढ़ूंढ़ निकाला है और अब वे अच्छा महसूस कर रहे हैं। गुफा के बाहर इंतजार कर रहे उनके परिवारों को दिए संदेश में उन 11 खिलाड़ियों ने कैमरे के सामने उत्साहित होते हुए अपना-अपना नाम लेते हुए कहा कि उनका स्वास्थ्य अच्छा है। चियांग राय प्रांत में स्थित देश के 10 किमी के सबसे लंबे थाम लुआंग गुफा के बाहर इन फुटबॉलर्स की साइकिलें और जूते मिले थे। ये बच्चे शनिवार को इस गुफा में गए थे और तेज बारिश के चलते वे वहां फंस गए।
उनके स्वास्थ्य पर दिया जा रहा ध्यान
आपको बता दें कि गुफा में लापता इन 11 फुटबॉलर्स और उनके कोच की खोज के अभियान में अमेरिकी सैनिक और ब्रिटिश गोताखोर भी शामिल हो गए हैं। 11 से 16 साल के ये फुटबॉलर अपने कोच के साथ 23 जून से लापता है। जिसकी जानकारी थाई नौसेना ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए दी थी। जानकारी के मुताबिक, करीब 1000 लोग इनकी खोज में जुटे हुए हैं।
वीडियो में अपने बच्चों को सही-सलामत देखकर उनके परिजनों ने खुशी जताई है। बताया जा रहा है कि कई नौसैनिकों को भी उन खिलाड़ियों को गुफा से सही सलामत बाहर निकालने के लिए वहां तैनात किया गया है। थाई अधिकारियों ने कहा है कि अब खिलाड़ियों की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
खिलाड़ियों के समक्ष तीन विकल्प-विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का कहना है कि उन खिलाड़ियों के पास तीन विकल्प है- या तो वे तैरते हुए गुफा के बाहर आएं। अगर उन्हें गुफा का कोई दूसरा रास्ता दिखाई दे तो वहां से बाहर निकलने का प्रयास करें और तीसरा ये कि मौसम के सही होने तक का इंतजार करें।
उनका कहना है कि पहली बात तो तैरकर बाहर निकलना काफी खतरनाक होगा। क्योंकि उनमें से अधिकतर लड़कों को तैरना नहीं आता है। हालांकि उन्हें इसकी ट्रेनिंग दी गई है लेकिन फिर भी गुफा के अंदर रास्ते तलाशना बेहद कठिन है इसलिए ऐसा करना उनके लिए और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इसलिए अंतिम विकल्प ये बचता है कि मॉनसून के रुकने का इंतजार किया जाए और इसके लिए लगभग चार महीनों के लिए उन्हें खाना, दवाइयों और जरुरी उपकरणों को दिया जाए।
हर घंटे निकाला जा रहे 10 हजार लीटर पानी
ये सभी जमीन से करीब एक किलोमीटर नीचे एक ऐसी जगह पर हैं जहां अंदर जाने का पर्याप्त रास्ता नहीं है। गुफा में इतना ज्यादा पानी भरा है कि पंप से हर घंटे 10 हजार लीटर पानी निकालने के बाद भी एक घंटे में जलस्तर एक सेंटीमीटर तक ही कम हो पा रहा है। वहीं, बुधवार से दोबारा भारी बारिश का अनुमान लगाया जा रहा है। बचाव के काम में ब्रिटेन, चीन, म्यांमार, लाओस, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के विशेषज्ञों की टीम को लगाया गया है।
गोताखोरों ने बढ़ाया हौसला
जब इन्हें ढ़ूंढ़ने के लिए गुफा के अंदर गए गोताखोरों की टॉर्च की लाइट इन बच्चों पर पड़ी तो इन्होंने कहा, "हम भूखे हैं, क्या हम बाहर जा सकते हैं?" गोताखोरों ने कहा, "आज नहीं।" गोताखोरों ने जब बच्चों से पूछा कि वे कितने लोग हैं तो जवाब मिला तेरह। एक बच्चे ने पूछा कि आज कौन सा दिन है। तब गोताखोर ने कहा- सोमवार, आप यहां 10 दिन से हैं, आप बहुत मजबूत हैं।
बारिश से बचने गुफा में गए, फंसे
ये सभी 12 खिलाड़ी अंडर-16 फुटबॉल टीम के सदस्य हैं। इनकी उम्र 11 से 16 साल के बीच है। कोच की उम्र 25 साल है। इस तरह 13 लोग गुफा में फंसे हैं। सभी अभ्यास मैच के बाद गुफा देखने गए थे। ये एक समुद्र तट पर मौजूद रास्ते से गुफा के अंदर गए। रास्ता बहुत संकरा था। तभी बारिश और बाढ़ आ गई। इससे ये 10 किलोमीटर लंबी गुफा में रुक गए। लेकिन पानी बढ़ने से गुफा से बाहर निकलने का संकरा रास्ता बंद हो गया। बारिश के हर मौसम में ये गुफा खतरनाक हो जाती है, इसलिए यहां जुलाई से नवंबर के बीच एंट्री बंद कर दी जाती है।
पानी की वजह से अब तक जिंदा हैं
इनकी तलाश और बचाव के काम में 1200 लोगों की टीम लगी है। डॉक्टरों का कहना है कि गुफा में पीने लायक पानी होने की वजह से ये अब तक जिंदा हैं। गुफा में ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए 200 सिलेंडर मंगाए गए हैं। यह गुफा म्यांमार और लाओस बॉर्डर के पास नेशनल पार्क के भीतर स्थित है। बेल्जियम के गोताखोर बेन रेमेनेंट्स ने बताया कि इस गुफा में छोटी-छोटी सुरंगें हैं। ये कई किलोमीटर तक फैली हैं। तापमान 21 डिग्री है और सतह इतनी दलदली है कि उस पर खड़े रहना भी मुश्किल है।