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दोहा वार्ता के बीच तालिबान-अफगान सेना संघर्ष में छह आतंकी ढेर, मायूस हुए राष्‍ट्रपति ट्रंप

खास बात यह है कि दोनों के बीच यह झड़पे तब हुई हैं जब कतर की राजधानी दोहा में अफगान शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक अहम बैठक चल रही है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 07:34 AM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 07:34 AM (IST)
दोहा वार्ता के बीच तालिबान-अफगान सेना संघर्ष में छह आतंकी ढेर, मायूस हुए राष्‍ट्रपति ट्रंप
दोहा वार्ता के बीच तालिबान-अफगान सेना संघर्ष में छह आतंकी ढेर, मायूस हुए राष्‍ट्रपति ट्रंप

काबुल/कतर, एजेंसी। अफगानिस्‍तान के दक्षिणी प्रांत कंधार और पूर्वी प्रांत नांगरहार में अफगान सेना और तालिबान के बीच झड़पों में कम से कम छह उग्रवादी मारे गए हैं। 205 वीं अटल वाहिनी के प्रवक्ता ख्वाजा याहया अलावी ने बताया कि शनिवार को तालिबान ने कंधार जिले के माईवांड जिले में कई सुरक्षा चौकियों पर हमला किया। इसके बाद सेना ने तालिबान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की, इसमें कई तालिबानी उग्रवादी ढेर हो गए। खास बात यह है कि दोनों के बीच यह झड़पे तब हुई हैं, जब कतर की राजधानी दोहा में अफगान शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक अहम बैठक चल रही है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी इस बैठक में शिरकत कर रहे हैं। इस वार्ता से अमेरिका को बेहतर परिणाम आने की उम्‍मीद है। ऐसे में तालिबान और अफगान सेना के बीच यह संघर्ष दोहा वार्ता पर पानी फेरता नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव के बीच अफगान सैनिकों और तालिबान के इस ताजा संघर्ष ने कहीं ने कहीं राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की चिंताएं बढ़ी होंगी। इस संघर्ष से वह जरूर मायूस हुए होंगे।

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तालिबान विद्रोहियों पर एयर स्‍ट्राइक 

एक सैन्‍य अधिकारी के अुनार तालिबान के हमलों को अफगान वायु सेना ने विफल कर दिया। इस हवाई हमले में छह तालिबानी विद्रोहियों की मौत हो गई और तीन अन्‍‍‍य घायल हैं। इस हवाई हमले में तालिबान लड़ाकों के कई अहम उपकरण भी नष्‍ट हो गए। उधर, नंगहार के शेरजाद जिले के जोजन कला इलाके में सेना और विद्रोहियों के बीच एक अन्‍य झड़प में तालिबान के कम से कम 13 लड़ाके हताहत हुए हैं। हताहतों में नौ पाकिस्‍तानी भी शामिल हैं। तालिबान ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

दोहा वार्ता पर लग सकता है ग्रहण 

शुक्रवार को अफगानिस्‍तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जल्‍माय खलीलजाद ने उम्‍मीद जाहिर की थी कि शनिवार को दोहा में शुरू हो रही अफगान-तालिबान वार्ता एक नए दौर में प्रवेश कर गई है। उन्‍होंने कहा था कि इससे अफगान-तालिबान के बीच शांति प्रक्रिया को एक नया मार्ग प्रशस्‍त होगा। विशेष प्रतिनिधि ने कहा इसी के साथ अफगानिस्‍तान में दो दशकों से चला आ रहा उग्रवाद समाप्‍त होगा और विदेशी सैनिकों की वापसी संभव होगी। अगर ऐसा होता है तो इस चुनाव में राष्‍ट्रपति ट्रंप के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। शांति वार्ता की सफलता से करीब 19 साल  बाद अमेरिका और नाटो सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी का रास्ता साफ होगा। बता दें कि दोहा में हो रही रही वार्ता में अफगान सरकार द्वारा नियुक्त वार्ताकार और तालिबान का 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहे हैं। इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी शिरकत कर रहे हैं।

समझौते के बाद से अब तक 12 हजार नागरिक मारे गए 

दोहा वार्ता में अफगानिस्तान के लिए शांति वार्ता का नेतृत्व कर रहे अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने तत्काल प्रभाव से सीजफायर पर जोर दिया था। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि शांति कायम करने का अनोखा मौका है। हमें हिंसा को रोकना होगा और जितनी जल्द हो सके सीजफायर पर सहमति देनी होगी।   उन्‍होंने अफगान और तालिबान में जारी जंग में मौतों का जिक्र करते हुए कहा कि फरवरी में अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता समझौते पर हस्ताक्षर के बाद से अब तक 12 हजार नागरिक मारे जा चुके हैं।      


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