वॉकआउट के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को एक शख्स ने मारा थप्पड़, वीडियो क्लिप से हुई पहचान
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को थप्पड़ मारने के आरोप में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। मंगलवार को बीएफएम टीवी और आरएमसी रेडियो ने बताया की राष्ट्रपति को दक्षिणपूर्वी फ्रांस के ड्रोम क्षेत्र में भीड़ के साथ वॉकआउट सत्र के दौरान एक व्यक्ति ने थप्पड़ मारा।
पेरिस, एजेंसी। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भीड़ में एक शख्स ने गाल पर थप्पड़ मार दिया। यह घटना उस समय हुई, जब मैक्रों दक्षिणी फ्रांस में कोरोना संक्रमण कम होने के बाद लोगों के हालचाल ले रहे थे। घटना के तुरंत बाद सुरक्षाकर्मी थप्पड़ मारने वाले व्यक्ति को घसीटते हुए ले गए। हमला करने वाला हरे रंग की टी शर्ट पहने हुए था। इस संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह घटना उस समय हुई जब मैक्रों ड्रोम क्षेत्र में दौरे पर थे। यहां उनकी बातचीत रेस्तरां मालिकों और छात्रों से हुई।
राजनेताओं ने की घटना की निंदा
राजनेताओं ने थप्पड़ मारने कि इस घटना की कड़ी निंदा की है। फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स ने इस घटना के कुछ ही समय बाद नेशनल असेंबली में कहा कि लोकतंत्र का मतलब बहस और वैध असहमति है। हिंसा, मौखिक आक्रामकता और फिजिकल अटैक नहीं होना चाहिए। वहीं फार लेफ्ट लीडर जीन-ल्यूक मेलेनचॉन ने इस मामले पर राष्ट्रपति के साथ एकजुटता दिखाने के लिए ट्वीट किया। प्रसारणकर्ता बीएफएम टीवी और आरएमसी रेडियो ने बताया कि घटना के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में मैक्रों दर्शकों की भीड़ का अभिवादन करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान वो बैरियर के पीछे खड़े हरे रंग की टी-शर्ट, चश्मा और फेस मास्क लगाए एक व्यक्ति से अभिवादन के लिए हाथ बढ़ाते हैं। लेकिन वो व्यक्ति "डाउन विद मैक्रोनिया" चिलाते हुए मैक्रों के चेहरे पर एक थप्पड़ मारते देखा जा सकता है। फ्रांस के राष्ट्रपति प्रशासन ने पुष्टी की है कि, मैक्रों पर हमले का प्रयास किया गया है। लेकिन उन्होंने इसके आगे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
हमलावर की अभी पहचान नहीं
मैक्रों को थप्पड़ मारने वाले शख्स का नाम और उसका मकसद अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। राष्ट्रपति को थप्पड़ मारते वक्त, हमलावर को "मोंटजोई सेंट डेनिस" चिल्लाते हुए सुना जा सकता है। ये फ्रांस की सेना का युद्ध में लगाया जाने वाला नारा हुआ करता था, जब फ्रांस एक राजतंत्र था। बता दें कि, हाल ही में फ्रांसीसी सेना को सेवा देने वाले एक गुट ने राष्ट्रपति मैक्रों को इस्लाम को लेकर हिदायत दी थी। इस गुट का कहना है कि इस्लाम धर्म को रियायत देने की वजह से फ्रांस का अस्तित्व दांव पर लग चुका है।