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फ्रांस की पत्रिका शार्ली आब्दो ने फिर छापा पैगंबर मोहम्मद का कार्टून, 2015 में दफ्तर पर हुआ था हमला

पैगंबर मोहम्मद साहब का कार्टून प्रकाशित करने पर 7 जनवरी 2015 को शार्ली आब्दो के पेरिस के दफ्तर पर तीन आतंकियों ने फायरिंग करते हुए 12 लोगों को मार डाला था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 06:15 AM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 08:20 AM (IST)
फ्रांस की पत्रिका शार्ली आब्दो ने फिर छापा पैगंबर मोहम्मद का कार्टून, 2015 में दफ्तर पर हुआ था हमला
फ्रांस की पत्रिका शार्ली आब्दो ने फिर छापा पैगंबर मोहम्मद का कार्टून, 2015 में दफ्तर पर हुआ था हमला

पेरिस, एजेंसियां। फ्रांस की व्यंगात्मक साप्ताहिक पत्रिका शार्ली आब्दो पैगंबर मोहम्मद का विवादित कार्टून फिर छाप रही है। इस पत्रिका ने 2006 में भी मोहम्मद साहब का विवादित कार्टून प्रकाशित किया था, जिसके बाद 2015 में इस्लामी आतंकियों ने उसके दफ्तर पर हमला किया था। इस मामले में बुधवार से सुनवाई शुरू हो रही है। इसी को देखते हुए पत्रिका ने कार्टून को फिर से छापने का फैसला किया। 

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फ्रांसीसी पत्रिका ने 2006 में भी प्रकाशित किया था विवादित कार्टून

शार्ली आब्दो के नवीनतम अंक में दर्जनों कार्टूनों को प्रदर्शित किया गया है। इसमें मोहम्मद साहब का विवादित कार्टून भी शामिल है। इसकी हेडिंग 'यह सब, बस उसके लिए' दी गई है। नए अंक का प्रकाशन बुधवार को होगा। पत्रिका के संपादक लौरेंट 'रिस' सौरीस्यू ने एक नोट में कहा है, 'इतिहास को न तो दोबारा लिखा जा सकता और न ही मिटाया जा सकता। 'पैगंबर मोहम्मद का विवादित कार्टून सबसे पहले 2005 में डेनमार्क के एक अखबार ने प्रकाशित किया था। उस समय भी दुनियाभर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। उसके एक साल बाद शार्ली आब्दो ने यह कार्टून छापा। 

2015 में दफ्तर पर हमले में 15 लोगों को मार डाला था 

मोहम्मद साहब का कार्टून प्रकाशित करने पर 7 जनवरी 2015 को शार्ली आब्दो के पेरिस के दफ्तर पर तीन आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग करते हुए 12 लोगों को मार डाला था। मरने वालों में इस कार्टून बनाने वाले कार्टूनिस्ट जीन काबूट भी शामिल थे। तीनों आतंकी भी मारे गए थे। पत्रिका के दफ्तर पर हमले के तीन दिन बाद दो आतंकियों ने एक सुपर मार्केट पर भी हमला किया था। इस मामले में एक महिला और दो आतंकियों समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनकी सजा पर बुधवार से सुनवाई शुरू हो रही है और इनके खिलाफ जनसमर्थन जुटाने के लिए पत्रिका ने कार्टून को फिर प्रकाशित करने का फैसला किया है। पत्रिका ने इस हफ्ते कार्टून के साथ अपने संपादकीय में लिखा, 'यद्यपि हमने हमले के बाद मोहम्मद का कार्टून नहीं छापने का निर्णय किया था। लेकिन मामले की सुनवाई शुरू होने के चलते आवश्यक होने पर उसने ऐसा किया है।'


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