लड़ाकू विमान राफेल के बारे में भारतीय पायलटों ने बताई कई विशेषताएं, जानिए इस बारे में
युद्धाभ्यास के दौरान शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के उप वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने स्वयं राफेल लड़ाकू विमान भी उड़ाया।
मॉन दे मशरं (फ्रांस), एएनआइ। भारत और फ्रांस के बीच संपन्न हुए छठे गरुड़ अभ्यास के दौरान राफेल जेट उड़ाने वाले भारतीय पायलटों के लिए इसका अनुभव अद्भुत रहा है। यह बात फ्रेंच एयर फोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल फिलिप लेविग्ने ने कही। बता दें कि इस युद्धाभ्यास के दौरान शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के उप वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने स्वयं राफेल लड़ाकू विमान भी उड़ाया।
लेविग्ने के मुताबिक, दो-तीन उड़ानों के बाद स्क्वैड्रन से मिली प्रतिक्रिया के मुताबिक भारतीय पायलटों ने इसे अद्भुत और बहुत आरामदायक बताया है। पायलटों का कहना है कि इसका इंटरफेस बहुत अच्छा है जो उड़ान को सुगम बनाता है। लेविग्ने ने कहा कि मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छे व अनुभवी पायलट और बहुत अच्छे विमान के बीच का मेल है।
फ्रांस में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि यह युद्धाभ्यास दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि युद्धाभ्यास के दौरान हमारे पायलटों ने करीब 400 घंटे की उड़ान भरी। इसमें से 100 घंटे जहां भारतीय विमान में वहीं 300 घंटे फ्रांसीसी विमान में उड़ान भरी।
उन्होंने बताया कि अभ्यास के दौरान राफेल और सुखोई-30 ने एक साथ जुगलबंदी भी की। बता दें कि एक जुलाई से 12 जुलाई तक चला छठा गरुड़ अभ्यास दोनों देशों के बीच एक सामरिक अभ्यास था, जिसका उद्देश्य आसमान के साथ-साथ जमीनी हमले में फ्रांसीसी और भारतीय रक्षा दल के बीच समन्वय को बढ़ाना था।
यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के बीच वैकल्पिक रूप से फ्रांस और भारत में आयोजित किया जाता है। यह अभ्यास अब तक का सबसे बड़ा है। इसमें भारतीय वायुसेना के 120 योद्धाओं की टुकड़ी फ्रांस पहुंची है। अभ्यास में सुखोई 30 एमकेआइ विमान, सी-17 ग्लोबमास्टर मालवाहक विमान और आइएल-78 ईंधन भरने वाले विमान शामिल हैं। पांचवां गरुड़ साझा युद्धाभ्यास जोधपुर वायुसैनिक अड्डे पर 2014 में हुआ था।