Move to Jagran APP

फ्रांस, जर्मनी और स्पेन ने मादुरो को दिया आठ दिन का समय

तीनों देशों ने कहा है कि इन आठ दिनों में वेनेजुएला स्वतंत्र, पारदर्शी और लोकतांत्रिक चुनाव कराए। मादुरो ऐसा नहीं कर पाए तो वे गुआइदो को अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर मान्यता दे देगा।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 26 Jan 2019 08:24 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jan 2019 01:12 AM (IST)
फ्रांस, जर्मनी और स्पेन ने मादुरो को दिया आठ दिन का समय
फ्रांस, जर्मनी और स्पेन ने मादुरो को दिया आठ दिन का समय

पेरिस, रायटर। तेल संपन्न लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला पर दबाव बढ़ाते हुए यूरोपीय सुपर पावर फ्रांस, जर्मनी और स्पेन ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को आठ दिन का समय दिया है। कहा है कि इन आठ दिनों में वेनेजुएला स्वतंत्र, पारदर्शी और लोकतांत्रिक चुनाव कराए। अगर मादुरो ऐसा नहीं कर पाए तो तीनों देश जुआन गुआइदो को अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर मान्यता दे देगा। अमेरिका और कुछ अन्य देश गुआइदो को पहले ही मान्यता दे चुके हैं।

loksabha election banner

स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा कि मादुरो चुनाव कराने में सफल नहीं रहे तो स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव संपन्न कराने के लिए उनका देश गुआइदो को मान्यता देगा। वेनेजुएला विवाद पर एक राय बना चुके यूरोपीय यूनियन के सदस्य स्पेन के प्रधानमंत्री जब यह संदेश दे रहे थे, उसी दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट कर यही शर्त रखी। स्पेन और फ्रांस की ओर से संदेश आने के कुछ ही मिनट बाद जर्मन सरकार की प्रवक्ता ने इसी संदेश का ट्वीट किया। वेनेजुएला की राजधानी कराकास में बुधवार को लाखों लोगों की भीड़ के साथ सड़क पर आए गुआइदो ने खुद को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित किया था।

इसके बाद शुक्रवार को अमेरिका ने गुआइदो को मान्यता देते हुए कहा कि मादुरो के सत्ता से हटने पर वह वेनेजुएला पर लगे आर्थिक प्रतिबंध हटा लेगा। ज्यादातर लैटिन अमेरिकी देशों ने अमेरिका के रुख का समर्थन किया है। अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते हाल के वर्षो में वेनेजुएला की आर्थिक दशा लगातार बिगड़ी है। लेकिन देश में भीषण आर्थिक और राजनीतिक संकट खड़ा होने के बावजूद सेना मादुरो के साथ बनी हुई है।

सुरक्षा परिषद में अमेरिकी प्रस्ताव गिरा

वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर जुआन गुआइदो को संयुक्त राष्ट्र की मान्यता दिलाने का अमेरिकी प्रस्ताव शनिवार को परवान नहीं चढ़ सका। सुरक्षा परिषद में रूस और चीन के वीटो के चलते यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका। रूस और चीन के अतिरिक्त सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य दक्षिण अफ्रीका और इक्वेटोरियल गुयाना ने भी अमेरिकी प्रस्ताव का विरोध किया।

शनिवार को 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की बैठक अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो के अनुरोध पर आयोजित की गई थी। अमेरिका ने यह कदम वेनेजुएला के विपक्ष के नेता गुआइदो को अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर मान्यता देने के बाद उठाया था। रूस ने अमेरिका पर वेनेजुएला में तख्तापलट के प्रयास के समर्थन का आरोप लगाया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.