श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की होगी जांच
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को 2015 में चुनाव प्रचार के लिए चीन की एक सरकारी कंपनी द्वारा पैसे दिए जाने के आरोपों की सीआइडी से जांच करवाई जाएगी।
कोलंबो (प्रेट्र)। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को 2015 में चुनाव प्रचार के लिए चीन की एक सरकारी कंपनी द्वारा पैसे दिए जाने के आरोपों की सीआइडी से जांच करवाई जाएगी। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने संसद को बताया कि न्यूयार्क टाइम्स में इस सिलसिले में छपी खबर के आधार पर उप मंत्री रंजन रमानायके ने शिकायत दर्ज करा दी है। अब सीआइडी इस मामले की जांच करेगी। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
न्यूयार्क टाइम्स ने 26 जून को एक खबर प्रकाशित की थी। इसमें कहा गया था कि चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी ने राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के लिए राजपक्षे को 76 लाख डॉलर (लगभग 52 करोड़ रुपये) दिए थे। चाइना हार्बर इंजीनियरिंग वही कंपनी है, जिसे विवादास्पद हंबनटोटा बंदरगाह के निर्माण का ठेका दिया गया था।
इस बीच कंपनी ने इस रिपोर्ट को तथ्यों से परे करार दिया है। संयुक्त प्रबंध निदेशक एन शिन ने गुरुवार को यहां पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमारी कंपनी श्रीलंका के घरेलू मामलों में कभी शामिल नहीं रही है। हंबनटोटा बंदरगाह का निर्माण श्रीलंका सरकार और यहां की जनता के लिए किया गया है। किसी को रिश्वत देने की बात गलत है।
राजपक्षे की टीम ने झूठी खबर छापने का आरोप लगाया
राजपक्षे की टीम हालांकि भ्रष्टाचार के आरोपों से इन्कार कर रही है। इसने न्यूयार्क टाइम्स पर श्रीलंका सरकार के इशारे पर राजनीतिक रूप से प्रेरित और झूठी खबर छापने का आरोप लगाया है। इस बीच अखबार ने राजपक्षे के समर्थकों द्वारा श्रीलंका में मौजूद अपने दो संवाददाताओं को धमकाने का आरोप लगाया है।