नेपाल को वरीयता के आधार पर कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराएगा भारत, सीमा पर बाड़ लगाने पर भी बनी सहमति
विदेश सचिव ने बाद में प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से भी मुलाकात की। इस दौरान उनकी सीमा विवाद सहित अन्य मुद्दों पर वार्ता हुई। उन्होंने नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली से भी भेंट की।
काठमांडू, एजेंसियां। नेपाल भारत का सबसे अहम दोस्त है और विकास का साझेदार है। कोरोना वैक्सीन आते ही नेपाल को वरीयता के आधार पर उपलब्ध कराई जाएगी। दो दिवसीय नेपाल यात्रा पर पहुंचे भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने यह बात कही। दोनों देशों के विदेश सचिव स्तर पर हुई वार्ता में तय हुआ है कि जल्द ही सीमा पर बाड़ लगाने का काम शुरू किया जाएगा।
नेपाल के विदेश सचिव भारत राज पौडियाल के निमंत्रण पर पहुंचे भारत के विदेश सचिव ने काठमांडू में एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि नेपाल और भारत के संबंध भौगोलिक, सांस्कृतिक और परंपरागत हैं। हम सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं और नेपाल का उद्देश्य भी समृद्ध नेपाल,सुखी नेपाल का है। नेपाल से हमारे मौलिक सबंध हैं।
राष्ट्रपति विद्या भंडारी से भी की मुलाकात
विदेश सचिव ने बाद में प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से भी मुलाकात की। इस दौरान उनकी सीमा विवाद सहित अन्य मुद्दों पर वार्ता हुई। उन्होंने नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली से भी भेंट की।
सभी से मुलाकात के बाद विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा कि हमारी सोच और अवधारणा दोनों ही समान है। हमने सभी समस्याओं का साथ-साथ मुकाबला किया है। अब कोरोना महामारी का भी एक साथ मुकाबला करेंगे। कोरोना वैक्सीन के निर्माण होते ही उसको नेपाल को उपलब्ध कराना पहली वरीयता होगी।
विदेश सचिव ने बताया कि भारत कोरोना वैक्सीन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। हमारे यहां पर पांच कंपनियों की कोरोना वैक्सीन निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। यहां उन्होंने कोरोना में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां भी नेपाल को दीं।
नेपाल से सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर हुई बात
भारतीय विदेश सचिव की अपने समकक्ष से हुई वार्ता में सीमा समस्या पर प्रमुखता से बात की गई। बाद में भारतीय दूतावास ने विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि नेपाल से सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर बात हो गई है। जल्द ही बाड़ लगाने का काम शुरू किया जाएगा। ज्ञात हो कि नवंबर माह में भारत के नक्शा प्रकाशित करने के बाद सीमा को लेकर विवाद हो गया था। विदेश सचिव ने नेपाल में भारत के सहयोग से चल रही योजनाओं की समीक्षा की और गोरखा जिले में बनाए गए तीन स्कूलों का भी उद्घाटन किया।