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जानें- भारत के किस पड़ोसी देश के हाथों में होगी अगले यूएन महासभा के 76वें सत्र के अध्‍यक्ष की कमान

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 76वें सत्र के लिए मालदीव के विदेश मंत्री को बतौर अध्‍यक्ष चुन लिया गया है। वो तुर्की के वोल्‍कान बोजकिर की जगह लेंगे। यूएन महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने उनकी जमकर तारीफ करते हुए कहा है कि सभी उनके अनुभव का फायदा उठाएंगे।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 08:15 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 08:34 AM (IST)
जानें- भारत के किस पड़ोसी देश के हाथों में होगी अगले यूएन महासभा के 76वें सत्र के अध्‍यक्ष की कमान
मालीदीव के विदेश मंत्री होंगे यूएन महासभा के 76वें सत्र के अध्‍यक्ष

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। संयुक्‍त राष्‍ट्र के 76वें सत्र के लिये नए अध्यक्ष के तौर पर इस बार मालदीव के विदेश मंत्री अब्‍दुल्‍ला शाहिद ने बाजी मार ली है। सोमवार को आम महासभा के अगले प्रमुख के चुनाव में उन्‍होंने अफगानिस्‍तान के पूर्व विदेश मंत्री जलमई रसूल को करीब 95 वोटों से मात दी। महासभा के अगले सत्र के लिए चुने जाने पर शाहिद को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने बधाई दी है। इस चुनाव में रसूल को जहां 48 वोट मिले थे वहीं अब्दुल्ला शाहिद को 143 वोट हासिल हुए।

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यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटारेस ने शाहिद की तारीफ करते हुए कहा कि उनके लंबे कूटनीतिक अनुभव से उन्‍हें दुनिया के सामने आई मौजूदा चुनौतियों से निपटने में बहुपक्षवाद की अहमियत का अहसास हुआ है। उन्‍होंने ये भी कहा कि अगली महासभा के अध्‍यक्ष के तौर पर चुने गए शाहिद एक ऐसे छोटे से देश से आते हैं जो विकासशील देशों में शामिल है और लगातार आगे बढ़ रहा है। इस दौरान उन्‍होंने नवंबर 2021 में होने वाले वार्षिक यूएन जलवायु सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें शाहिद के अनुभव सभी के लिए फायदे का सौदा होंगे। इस मौके पर उन्‍होंने अफगानिस्‍तान के डॉक्‍टर जलमई रसूल का भी धन्‍यवाद अदा करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में उनके योगदान के लिए वो उन्‍हें धन्‍यवाद देते हैं।

आपको बता दें कि इस वर्ष सितंबर में होने वाली आम महासभा में पहली सीट के लिए सूरीनाम को चुनाव गया है। सूरीनाम का चुनाव ड्रॉ के जरिए किया गया है। गौरतलब है कि यूएन महासभा के 75वें सत्र के लिए वोल्‍कान बोजकिर को चुना गया था। शाहिद उनकी ही जगह लेंगे। यूएन महासचिव ने अपने एक बयान में बोजकिर की भी सराहना की है। उन्‍होंने कहा कि महासभा के 76वें सत्र को वैश्विक महामारी से निपटने की चुनौती है। जिसके लिए तीन अहम बिंदु हैं टिकाऊ विकास, शांति और मानवाधिकार। इस अवसर पर उन्‍होंने महासभा की जरूरत और उसकी अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि ये यूएन की नींव है और एक संगठन के तौर पर हमारी कारगरता के लिये बेहद जरूरी भी है। मौजूदा वर्ष में इसकी अहमियत इसलिए भी बढ़ गई है क्‍योंकि पूरी दुनिया इस समय वैश्विक महामारी से जूझ रही है। उन्‍होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष को भरोसा दिलाया है कि उन्‍हें यूएन सचिवालय का पूर्ण समर्थन मिलता रहेगा।

आपको बता दें कि यूएन महासभा के मौजूदा अध्यक्ष वोल्कान बोजकिर ने महासभा हॉल में 6 मई को प्रस्ताव 71/323 के तहत एक अनौपचारिक संवाद आयोजित किया था। इसमें नए अध्‍यक्ष के पद के लिए खड़े सभी उम्‍मीद्वारों ने यूएन प्रतिनिधियों के सवालों के जवाब दिए थे। बोजकिर ने भी नए अध्‍यक्ष के तौर पर शाहिद का स्‍वागत किया है। उन्‍होंने कहा कि शाहिद हमेशा से ही उन देशों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं जो छोटे छोटे द्वीपों से मिलकर बने हैं। शाहिद हमेशा से ही उनके हक की आवाज उठाते रहे हैं। उन्‍होंने रसूल के लंबे कूटनीतिक अनुभव और उनकी दूरदृष्टि की भी सराहना की है।


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