मर्क एंड कंपनी की COVID-19 दवा का देश में होगा परीक्षण, भारतीय दवा निर्माता कंपनियां करेंगी निगरानी
सिप्ला और डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज सहित पांच भारतीय दवा निर्माताओं ने मंगलवार को बताया कि वो संयुक्त रूप से भारत में मर्क एंड कंपनी के एंटी वायरल ड्रग के परीक्षण का संचालन करेंगे। ताकी अस्पताल में भर्ती किए बिना कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज किया जा सके।
एजेंसी: सिप्ला और डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज सहित पांच भारतीय जेनेरिक दवा निर्माताओं ने मंगलवार को कहा कि वे संयुक्त रूप से भारत में मर्क एंड कंपनी के एंटी वायरल ड्रग के प्रायोगिक परीक्षण का संचालन करेंगे। ताकि अस्पताल में भर्ती किए बिना कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज किया जा सके। मार्च और अप्रैल के बीच सभी पांचों कंपनियों ने मर्क के साथ पार्टनरशिप की थी, ताकि भारत में इसकी उपलब्धता को तेजी के साथ बढ़ावा दिया जा सके। परीक्षण का संचालन करने वाली कंपनियों में सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज, टोरेंट फार्मास्युटिकल्स और निजी तौर पर एमक्योर फार्मास्युटिकल्स शामिल है।
मर्क ने अप्रैल के महीने में बताया था कि, साझेदार कंपनियों ने भारत समेत 100 से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले देशों को मोलनुपिरवीर सप्लाई करने का लाइसेंस स्थानीय नियामक एजेंसियों द्वारा अनुमोदन या आपातकालीन प्राधिकरण की सहमति के बाद ही दिया है। वहीं साझेदार भारतीय कंपनियों ने अपने एक संयुक्त बयान में कहा की, वो संयुक्त रूप से देश में परीक्षण की निगरानी करेंगे जो इस साल जून और सितंबर के बीच 1,200 रोगियों पर होने की उम्मीद है। एंटी-वायरल का परीक्षण ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा इसके प्रोटोकॉल के अनुमोदन के बाद ही आयोजित किया जाएगा। साथ ही कंपनियां परीक्षण पूरा होने के बाद भारत में मोलनुपिरवीर के निर्माण और आपूर्ति के लिए स्वतंत्र रूप से नियामक प्राधिकरणों से संपर्क करेंगी।
भारत में कोरोनावायरस के मामलों में अप्रैल और मई के महीने में चरम पर पहुंचने के बाद अब गिरावट आई है। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहना है कि देश को अक्टूबर तक तीसरी लहर के लिए तैयार रहना चाहिए। खबरों के मुताबिक अगर मोलनुपिरवीर के सभी परीक्षण सफल रहते हैं और इसे कोरोना के खिलाफ उपयोग करने की अनुमति मिल जाती है। तो वैश्विक स्तर पर कोरोना से जंग में बहुत बड़ी सफलता होगी।