बांग्लादेश के रोहिंग्या कैंप में पहली बार कोरोना की दस्तक से हड़कंप, रहते हैं 10 लाख से ज्यादा शरणार्थी
बांग्लादेश (Bangladesh) में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए बने भीड़-भाड़ वाले शिविरों में कोरोना का पहला मामला सामने आया है। जानें कितना बड़ा है यह खतरा...
ढाका, एपी। दक्षिणी बांग्लादेश (Bangladesh) में रोहिंग्या शरणार्थियों (Rohingya refugees) के लिए बने भीड़-भाड़ वाले शिविरों में कोरोना का पहला केस सामने आया है। इन शिविरों में 10 लाख से ज्यादा शरणार्थी रहते हैं। बांग्लादेश के शरणार्थी मामलों के आयुक्त महबूब आलम तालुकदार (Mahbub Alam Talukder) ने बताया कि रोहिंग्या समुदाय के एक व्यक्ति और कॉक्स बाजार जिले में रहने वाले एक अन्य शख्स में कोरोना की पुष्टि हुई है। हमने दोनों ही मरीजों को आइसोलेशन में भेज दिया है।
वहीं संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता लुईस डोनोवन (Louise Donovan) का कहना है कि संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें अलग थलग करने की कोशिशें जारी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कार्यकर्ता शिविरों में संक्रमण फैलने की आशंका की चेतावनियां जारी की हैं। इन कैंपों में लगभग 40 हजार लोग प्रति वर्ग किलोमीटर (103,600 प्रति वर्ग मील) के जनसंख्या घनत्व के बीच रहते हैं। यह बांग्लादेश के औसत घनत्व से 40 गुना ज्यादा है।
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहिंग्या कैंपों की हर झोंपड़ी 10 वर्ग मीटर की है जिसमें 12-12 लोग एक साथ रहते हैं। इससे शरणार्थियों में संक्रमण फैलने का खतरा कई गुना बढ़ गया है। उल्लेखनीय है कि भारत में भी विभिन्न राज्यों में रोहिग्या मुस्लिमों के रहने की जानकारिया हैं। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी जमात के मजहबी आयोजन में रोहिंग्याओं के भी शामिल होने की खबरें सामने आई थीं।
इसी घटना को ध्यान में रखते हुए बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को अपने यहां रह रहे रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों की जांच करने के निर्देश दिए थे। मालूम हो कि बांग्लादेश में 18,863 मामले सामने आए हैं जबकि 283 लोगों की मौत हो गई है। वहीं भारत में मृतकों की संख्या 2,649 है और कुल संक्रमितों की संख्या 81,970 हो गई है। वहीं 27 हजार से ज्यादा लोग ठीक भी हुए हैं।