सूडान में सेना का जुल्म: तख्तापलट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर फायरिंग, 15 की मौत
सूडान में सैनिक शासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सुरक्षा बलों ने फाय¨रग कर दी जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए। मीडिया ने एक महीने से हो रहे प्रदर्शनों में इसे सबसे खतरनाक दिन बताया है।
खार्तूम, एजेंसी। सूडान में सैनिक शासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सुरक्षा बलों ने फाय¨रग कर दी जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए। मीडिया ने एक महीने से हो रहे प्रदर्शनों में इसे सबसे खतरनाक दिन बताया है। प्रदर्शनकारी 25 अक्टूबर को हुए सैनिक विद्रोह के खिलाफ खार्तूम, बाहरी एवं ओमदुर्मान इलाकों में सड़कों पर उतरे थे। प्रदर्शनकारी नागरिक प्रशासन बहाल करने और 25 अक्टूबर को हुए विद्रोह के अगुआ को सुनवाई के लिए सौंपने की मांग कर रहे हैं।
तीनों शहरों में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए सुरक्षा बलों ने गोलियां चलाई और आंसू गैस के गोले दागे। मोबाइल फोन के संपर्क भंग कर दिए गए थे। सरकारी टेलीविजन ने कहा कि घायलों में प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी दोनों शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों से जुड़े सूडान के डाक्टरों की केंद्रीय समिति ने कहा, 'विद्रोही बलों ने राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में गोलियों का इस्तेमाल किया। अनेक लोग गोली लगने से घायल हुए हैं जिनमें कुछ की हालत गंभीर है।' डाक्टरों ने कहा कि बाहरी इलाके में कई लोग मारे गए हैं और अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'लोग बेहद डरे हुए हैं।' प्रदर्शनकारियों ने सघन बैरिकेड तैयार किए थे जिसके कारण सड़कों पर आवाजाही बंद हो गई है। सड़कों एवं पुलों पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं।
बता दें कि सूडान में सैन्य तख्तापलट को लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। अक्टूबर में विरोधी प्रदर्शन में शामिल लोगों पर सूडानी सेना की गोलीबारी में सात प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी, जबकि 140 से अधिक लोग घायल हुए थे। सेना ने प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करने के कुछ घंटों बाद देश की कार्यवाहक सरकार को बर्खास्त कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद देश में तख्तापलट के बाद राजधानी खार्तूम और ओमदुरमन में हजारों लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए। सूडान के मुख्य विपक्षी गठबंधन ने देश भर में सविनय अवज्ञा और विरोध का आह्वान किया और सैन्य शासन से सत्ता वापस नागरिक सरकार को हस्तांतरित करेने की मांग की।