एशियन एससीओ बैठकः सुषमा बोलीं- आतंकवाद विश्व के लिए सबसे बड़ा खतरा
इस दो दिवसीय बैठक में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान के साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी भाग ले रहे हैं।
दुशांबे [प्रेट्र]। आतंकवाद को विकास और समृद्धि की राह का सबसे बड़ा खतरा बताते हुए भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों से वैश्विक समस्याओं पर एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन से निपटने के साथ ही क्षेत्रीय शांति के लिए आपसी सहयोग की अपील की।
ताजिकिस्तान की राजधानी में हो रही एससीओ की काउंसिल ऑफ हेड ऑफ गर्वनमेंट (सीएचजी) बैठक में सुषमा ने देशों को उनकी जिम्मेदारी समझने और एक-दूसरे का सहयोग करने को भी कहा। इस दो दिवसीय बैठक में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान के साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी भाग ले रहे हैं।
बैठक में चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का मुद्दा उठाते हुए सुषमा ने कहा, 'देशों को जोड़ने का प्रयास करते हुए सभी की संप्रभुता का आदर करना जरूरी है।' यह गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरना है। इस वजह से भारत चीन की इस परियोजना का विरोध कर रहा है।
अफगानिस्तान के मसले पर सुषमा ने कहा, 'भारत, अफगानिस्तान के नेतृत्व और उसके संरक्षण में होने वाले शांति प्रयासों के प्रति प्रतिबद्ध है। इससे अफगानिस्तान सुरक्षित और स्थिर देश की तरह उभरेगा।' सुषमा ने पर्यावरण संरक्षण के लिए भी साथ काम करने की बात की। भारत दूसरी बार इस बैठक में हिस्सा ले रहा है।
यूरोप और एशियाई देशों के बीच सुरक्षा और व्यापार सहयोग बढ़ाने के लिए 2001 में एससीओ की स्थापना की गई थी। भारत 2017 में इसका सदस्य बना। 2005 से भारत एससीओ में पर्यवेक्षक की भूमिका में था।