मनी लांड्रिंग मामलों को रोक आदर्श पेश करें जी-20 देश, एफएटीएफ के प्रमुख मार्कस प्लेयर ने किया आह्वान
एफएटीएफ प्रमुख मार्कस प्लेयर ने दुनिया के सबसे संपन्न जी-20 देशों से गुजारिश की है कि वे मनी लांड्रिंग (धन को अवैध ढंग से एक से दूसरे देश भेजने) के मामलों पर रोक लगाकर दुनिया के सामने उदाहरण पेश करें। जानें उन्होंने और क्या कहा...
पेरिस, एएनआइ। दुनिया के सबसे संपन्न जी-20 देश मनी लांड्रिंग (धन को अवैध ढंग से एक से दूसरे देश भेजने) के मामलों पर रोक लगाकर दुनिया के सामने उदाहरण पेश करें। यह अनुरोध फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के प्रमुख मार्कस प्लेयर ने किया है। एफएटीएफ दुनिया में अवैध धन के प्रवाह पर नजर रखने वाली संस्था है।
प्लेयर ने लीड बाई एक्जांपल शीर्षक वाले अपने लेख में कहा है कि ऐसे सैकड़ों रास्ते हैं जिन्हें अपनाकर अवैध धन का आवागमन रोका जा सकता है। एफएटीएफ के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मनी लांड्रिंग, आतंकी और अपराधिक गिरोहों का अर्थतंत्र ध्वस्त किया जा सकता है और काले धन का प्रवाह रोका जा सकता है। लेकिन सभी जी 20 देश ऐसा नहीं कर रहे। वे धन का अवैध लेन-देन रोकने का प्रभावी तरीका नहीं अपना रहे।
प्लेयर ने लिखा है कि मनी लांड्रिंग में जिस धन का इस्तेमाल होता है वह आपराधिक गतिविधियों, नशीले पदार्थो के धंधों, हथियारों की अवैध बिक्री, वन संपदा को नुकसान पहुंचाकर और भ्रष्ट तरीकों से आता है। यही धन आतंकी और आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में प्रयुक्त होता है।
प्लेयर ने कहा कि अवैध धन का यह कारोबार रोककर हम तमाम लोगों, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को नुकसान से बचा सकते हैं। इसलिए जी 20 देश इस मामले में कड़े कदम उठाकर तमाम तरह से नुकसानों से दुनिया को बचा सकते हैं और आदर्श प्रस्तुत कर सकते हैं। एफएटीएफ प्रमुख का यह लेख जी 20 शिखर सम्मेलन के बीच आया है।
इस बीच सऊदी अरब के शाह सलमान की अगुआई में शनिवार को जी 20 देशों का शिखर सम्मेलन शुरू हो गया। सीमा पर चल रहे तनाव के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग एक बार फिर साथ थे लेकिन वर्चुअल स्वरूप में।
दुनिया के सबसे संपन्न और शक्तिशाली देशों के इस वर्चुअल सम्मेलन में किंग सलमान ने अपने भाषण में कोरोना वायरस का एकजुट होकर मुकाबला करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, यह समय है जब दुनिया की सबसे प्रभावशाली संस्था अपनी एकजुटता साबित कर मानवता को संकट से उबार सकती है। सम्मेलन में जो देश शामिल हैं उनका दुनिया की 85 प्रतिशत संपत्ति पर कब्जा है और वे दुनिया का तीन चौथाई कारोबार संचालित करते हैं।