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Climate Change: यूके ट्रेजरी के बाहर खून की तरह फैला है लाल रंग, कार्यकर्ताओं ने फेंका 'फेक ब्‍लड'

Climate Change कार्यकर्ताओं ने फायर इंजन पर खड़े होकर विरोध जताते हुए नारे लगाए। इस इंजन पर बैनर टंगा था। इसपर लिखा था- स्‍टॉप फंडिंग क्‍लाइमेट डेथ

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 10:44 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 10:44 AM (IST)
Climate Change: यूके ट्रेजरी के बाहर खून की तरह फैला है लाल रंग, कार्यकर्ताओं ने फेंका 'फेक ब्‍लड'
Climate Change: यूके ट्रेजरी के बाहर खून की तरह फैला है लाल रंग, कार्यकर्ताओं ने फेंका 'फेक ब्‍लड'

लंदन, रायटर्स। जलवायु परिवर्तन को लेकर संकट का अलार्म दुनिया के कई देशों में बज रहा है। इसके लिए काम कर रहे कार्यकर्ताओं ने ब्रिटिश ट्रेजरी के सामने अनोखे तरीके से अपना विरोध जताया है।

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कार्यकर्ताओं ने ट्रेजरी के सामने की सड़कों को लाल रंग से रंग दिया। लाल रंग के जरिए वे खून का प्रदर्शन करना चाहते हैं। फायर इंजन का इस्‍तेमाल कर इन कार्यकर्ताओं ने ब्रिटिश वित्‍त मंत्रालय के दरवाजे को भी लाल रंग का कर दिया। 

प्रदर्शनकारियों ने एक बैनर भी ले रखा था। इसमें लिखा था- 'स्‍टॉप फंडिंग क्‍लाइमेट डेथ।' इनमें से एक प्रदर्शनकारी ने बताया, 'ट्रेजरी केवल अर्थव्‍यवस्‍था के बारे में सोचता है और इसलिए क्‍लाइमेट चेंज को लेकर इसकी ओर से कोई प्रयास नहीं किया जाता।' 

प्रदर्शनकारियों ने बताया क‍ि लाल रंग फैलाने के जरिए वो बताना चाहते हैं क‍ि अगर कुछ नहीं किया गया तो पूरी दुनिया में लोगों की मौत क्‍लाइमेट चेंज के कारण हो जाएगी। 

प्रदर्शन स्‍थल पर मौजूद पुलिस ने बताया क‍ि चार लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। साथ ही फायर इंजन को लेकर पुलिस असमंजस में है क‍ि इसका क्‍या किया जाए क्‍योंक‍ि ड्राइवर ने इंजन की चाभी निकाल ली है। एक एक्‍टीविस्‍ट ने रायटर्स को बताया क‍ि यह फायर इंजन शॉपिंग साइट इबे से खरीदी गई थी।  

बता दें क‍ि अप्रैल में इस ग्रुप ने लंदन में व्‍यवधान पैदा किया था। उस समय 11 दिनों के लिए विरोध प्रदर्शन किए गए। यह घटना ब्रिटिश इतिहास में सिविल अवमानना के तहत बड़ी कार्रवाई के तौर पर लिया गया। सभी महत्‍वपूर्ण स्‍थानों को बंद कर दिया गया था। गोल्‍डमैन शैक्‍स को निशाना बनाया गया था। 

बता दें कि मई महीने में जलवायु परिवर्तन पर आपातकाल लागू करने वाला ब्रिटेन पहला देश था।  ब्रिटेन के बाद फ्रांस, कनाडा, आस्ट्रिया, अर्जेटीना, रिपब्लिक आफ आयरलैंड, पुर्तगाल आदि देशों ने भी जलवायु परिवर्तन को लेकर आपातकाल की घोषणा कर दी। 

क्‍लाइमेट चेंज का मुख्‍य कारण ग्‍लोबल वार्मिंग है। इसका दुष्‍प्रभाव पूरी व्‍यवस्‍था पर होगा।

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