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विदेश मंत्री जयशंकर आज 'आतंकवाद से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा' पर पड़ रहे असर को लेकर UNSC की बैठक की अध्यक्षता करेंगे

18 अगस्त यानी बुधवार के लिए निर्धारित पहला कार्यक्रम संरक्षकों की रक्षा प्रौद्योगिकी और शांति स्थापना पर रहा जबकि दूसरा कार्यक्रम 19 अगस्त को आतंकवादियों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पर एक उच्च स्तरीय बैठक होगी।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 19 Aug 2021 08:44 AM (IST)Updated: Thu, 19 Aug 2021 09:19 AM (IST)
विदेश मंत्री जयशंकर आज 'आतंकवाद से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा' पर पड़ रहे असर को लेकर UNSC की बैठक की अध्यक्षता करेंगे
जयशंकर आज 'आतंकवाद से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा' पर पड़ रहे असर को लेकर UNSC की बैठक की अध्यक्षता करेंगे

न्यूयॉर्क, एएनआइ। विदेश मंत्री एस जयशंकर आज आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बता दें कि भारत अगस्त महीने के लिए सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बना है। विदेश मंत्री का 18 और 19 अगस्त को यूएनएससी में उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता करने का प्रोग्राम पहले से ही तय था।

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भारत का तालिबान के साथ कोई संवाद?

विदेश मंत्री एस जयशंकर से न्यूयॉर्क में चल रही UNSC की बैठकों के बीच पूछा गया कि क्या हाल के दिनों में भारत का तालिबान के साथ कोई संवाद था? इसपर उन्होंने कहा, 'इस समय, हम देख रहे हैं कि काबुल में क्या स्थिति है। जाहिर है, तालिबान और उसके प्रतिनिधि काबुल आए हैं। इसलिए हम आगे की रणनीति पर देखेंगे।' विदेश मंत्री ने आगे कहा कि इस समय हम बहुत सावधानी से अफगानिस्तान के घटनाक्रम का अनुसरण कर रहे हैं। हमारा ध्यान अफगानिस्तान में सुरक्षा सुनिश्चित करने और भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी पर है।

अफगानिस्तान में भारतीय निवेश मार्गदर्शन करेगा

न्यूयॉर्क में यूएनएससी में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'हमारे लिए, यह (अफगानिस्तान में भारतीय निवेश) दर्शाता है कि अफगान लोगों के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध क्या थे। अफगान लोगों के साथ यह संबंध स्‍पष्‍ट रूप से जारी है। यह आने वाले दिनों में अफगानिस्तान के प्रति हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करेगा'

18 अगस्त यानी बुधवार के लिए निर्धारित पहला कार्यक्रम 'संरक्षकों की रक्षा: प्रौद्योगिकी और शांति स्थापना' पर रहा, जबकि दूसरा कार्यक्रम 19 अगस्त को 'आतंकवादियों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा' पर एक उच्च स्तरीय बैठक होगी। बता दें कि यह बैठक तब होने जा रही है जब तालिबान ने रविवार को काबुल पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति भवन में भी अपनी जगह बना ली।

विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि UNSC की बैठकों के दौरान ये दोनों विषय भारत के लिए प्राथमिकताएं हैं। बता दें कि जयशंकर संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना और आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की दो उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता करने के लिए सोमवार को न्यूयॉर्क पहुंचे। मंगलवार को, जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की और अफगानिस्तान पर चर्चा की।

बीते दिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कार्यक्रम के तहत बुधवार को संरक्षकों की रक्षा: प्रौद्योगिकी और शांति स्थापना पर खुली बहस हुई। इस खुली बहस में एस जयशंकर ने कहा कि भारत यूनाइट अवेयर प्लेटफॉर्म के रोलआउट में संयुक्त राष्ट्र का समर्थन कर रहा है। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि उनको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत यूनाइट अवेयर प्लेटफॉर्म के रोलआउट में संयुक्त राष्ट्र का समर्थन कर रहा है। यह पहल इस उम्मीद पर आधारित है कि वास्तविक समय के आधार पर एक संपूर्ण शांति अभियान की कल्पना, समन्वय और निगरानी की जा सकती है।

उन्होंने आगे कहा कि तकनीकी सुधार निरंतर किया जाना चाहिए, यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि नागरिक पर किसी भी हमले का अनुमान लगाया जा सकें, रोका जा सकें या तुरंत कार्यवही की जा सकें। एस जयशंकर ने बैठक में बताया कि इस साल मार्च में भारत सरकार ने दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के कर्मियों के लिए 2,00,000 कोविड-19 वैक्सीन प्रदान की थीं। अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भारत के दृष्टिकोण में शांति स्थापना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।


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