यूरोपीय संघ की शीर्ष अदालत ने अमान्य किया अमेरिका के साथ डाटा साझा करने का समझौता
यूरोपीय संघ की शीर्ष अदालत ने उस समझौते को अमान्य कर दिया है जिसके तहत प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़ी बड़ी कंपनियों द्वारा डाटा को अमेरिका स्थानांतरित किया जाता था।
लंदन, एजेंसियां। यूरोपीय संघ (European Union, EU) की शीर्ष अदालत ने गुरुवार को उस समझौते को अमान्य कर दिया जिसके तहत प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़ी बड़ी कंपनियों द्वारा डाटा को अमेरिका स्थानांतरित किया जाता था। अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय नियामक को उपभोक्ताओं के डाटा की निजता की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
इस फैसले का यह मतलब नहीं है कि ईयू से बाहर डाटा स्थानांतरण पर तत्काल रोक लग जाएगी क्योंकि एक और कानूनी तंत्र है जिसका कुछ कंपनियां इस्तेमाल कर सकती हैं। लेकिन इसका मतलब यह है कि डाटा स्थानांतरण की निगरानी में इजाफा किया जाएगा और ईयू व अमेरिका को एक नई व्यवस्था तलाशनी होगी जो अमेरिका में ईयू के डाटा को भी वैसी ही निजता सुरक्षा प्रदान करे जैसी उन्हें यूरोपीय संघ में मिली हुई है।
यह मामला अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन द्वारा 2013 में यह तथ्य उजागर करने के बाद शुरू हुआ था कि अमेरिकी सरकार लोगों के ऑनलाइन डाटा और संवाद की जासूसी करती है। इस रहस्योद्घाटन में यह विवरण भी शामिल था कि कैसे फेसबुक अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों को यूरोपीय लोगों के व्यक्तिगत डाटा तक पहुंच उपलब्ध कराती है।
ऑस्ट्रियाई कार्यकर्ता और विधि के छात्र मैक्स श्रेम्स ने उस साल फेसबुक के खिलाफ शिकायत दायर की थी और दलील दी थी कि निजी डाटा अमेरिका नहीं भेजा जाना चाहिए जैसा कि कई कंपनियां करती हैं क्योंकि वहां डाटा सुरक्षा इतनी पुख्ता नहीं है जितनी यूरोप में है।
इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्रेम्स ने कहा कि अब अमेरिका को अपने निगरानी कानूनों में बुनियादी बदलाव करने होंगे। फेसबुक ने कहा कि वे फैसले का अध्ययन कर रहे हैं और इसके असर पर नियामक मार्गदर्शन का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने कहा कि वे फैसले से बेहद निराश हैं। वे फैसले के नकारात्मक परिणामों को सीमित रखने के लिए यूरोपीय संघ के साथ संपर्क में रहेंगे।