प्रवासियों पर सख्त हुआ EU, दूरी बनाने को अन्य देशों को दिए धन
प्रवासियों को दूर रखने के लिए यूरोपीय संघ अनेक देशों को धन दे रहा है।
ब्रुसेल्स, एएनआइ। यूरोपीयन यूनियन (EU) दूसरे देशों को इस बात के लिए धन दे रहा कि प्रवासियों को दूर रखा जा सके। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। पिछले साल सितंबर में प्रकाशित रिपोर्ट से यह पता चला कि EU ने तुर्की को अरबों रुपये केवल इसलिए दिए ताकि यूनान से आने वाले प्रवासियों को यह शरण न दे सके। इसने लिबियाई कोस्ट गार्ड को भी पैसे दिए हैं कि वे जहाजों की जांच कर उन्हें उत्तर अफ्रीका वापस भेज दें। इसके अलावा इसने दूर नाइजर में केंद्रों का गठन किया जहां शरण मांगने वालों को आश्रय दिया जा सके।
आंकड़ों के अनुसार, 50,000 प्रवासी लिबिया में हैं और यूनाइटेड नेशंस रिफ्यूजी एजेंसी के साथ 51,000 प्रवासियों ने रजिस्ट्री कराई है। पांच हजार प्रवासी को हिरासत में लिया गया है। ब्रुसेल्स में माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट के एक्सपर्ट कैमिले ले कोज ने कहा, ‘यूरोपीय देश दुविधा में हैं। वे लिबिया से और प्रवासियों को लाना नहीं चाहते लेकिन हिरासत में रह रहे प्रवासियों को छोड़ भी नहीं सकते।’
2016 में उत्तर अफ्रीका से 181,376 लोग इटली के तट पर पहुंचे। 2018 में प्रवासियों की संख्या 23,485 हो गई थी। लोग यूनान से आने वाले प्रवासियों व यहां रह रहे यूनानी प्रवासियों को वापस भेजने के लिए यूरोपीय संघ तुर्की को करीब 6 बिलियन डॉलर का भुगतान करने को राजी हो गया था।
न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दसियों हजार प्रवासी लिबिया के मिलिशया नियंत्रित हिरासत केंद्रों में बंद हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि प्रवासियों को दास या वेश्यावृति के लिए बेचा जा रहा है और इन्हें ऐसी जगहों पर रखा गया है जहां सोने के लिए भी पर्याप्त जमीन का टुकड़ा नहीं है।
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