फ्रांस और जर्मनी में नहीं बनी यूरोपीय संघ के अध्यक्ष को लेकर सहमति, करना होगा इंतजार
यूरोपीय संघ के अध्यक्ष के नाम पर फिलहाल कोई सहमति नहीं बन सकी है। फ्रांस और जर्मनी के प्रमुखों की बैठक बेनतीजा रहने से इस पद को चुनने में कुछ विलंब हो सकता है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। यूरोपीय संघ के चुनाव परिणाम सामने आने के बाद अब सभी की निगाह अध्यक्ष पद पर सभी की निगाह है। इस बार के संसदीय चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिला है। इस चुनाव में उदारवादियों और ग्रीन पार्टी को जीत मिली है। साथ ही यूरोपीय संघ विपक्षी राष्ट्रवादियों और धुर दक्षिणपंथियों ने भी जीत हासिल की है। इसके अलावा इस चुनाव में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के सहयोगी दल को अधिक सीटें मिली हैं, जिसके बाद यूरोपीयन संघ के प्रमुख को चुनने में उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है।
चुनाव परिणाम सामने आने के बाद जहां फ्रांस की अहमियत बढ़ी है वहीं जर्मनी की भी भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। यही वजह है कि इन एंजेला मर्केल और मैक्रान के बीच ईयू के अध्यक्ष पद को लेकर एक बैठक हुई थी। हालांकि यह बैठक बेनतीजा रही। मंगलवार को ही ईयू के शीर्ष नेताओं ने भी बैठक की थी। इन सभी में यूरोपीय संसद के एक सुसंगत एजेंडे पर सहमति बन गई। लक्समबर्ग के उदारवादी प्रधानमंत्री जेवियर बेटटेल ने इस बैठक के बाद कहा कि भले ही बैठक में यूरोपीय संघ का प्रमुख नहीं चुन पाए लेकिन इसमें यूरोपीय चुनाव के बाद संतुलन बनाने में कामयाबी जरूर मिली है। आपको बता दें कि 28 देशों वाले यूरोपीय संघ के चुनाव में 21 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लिया था। मंगलवार को 28 देशों के शीर्ष नेताओं ने ब्रूसेल में बैठक की जिसमें उन्होंने यूरोपीय संघ का कमीशनर चुने जाने के लिए पांच-पांच नाम सुझाए।
गौरतलब है कि यूरोपीय यूनियन के संसदीय चुनाव में प्रमुख पार्टियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। जहां पारंपरिक सत्ताधारी सेंट्रिस्ट गठबंधन के हाथ से बहुमत खो चुका है। वहीं, दक्षिणपंथी और पर्यावरण समर्थक पार्टियों ने विस्तार किया है। पर्यावरण, लोकतंत्र और मानवाधिकार की पक्षधर ग्रीन पार्टी का पूरे यूरोप में प्रभाव बढ़ा है। 70 सीटों के साथ ग्रीन पार्टी चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। ग्रीन पार्टी के बिना अब यूरोप की दशा और दिशा तय करना आसान नहीं होगा। इस बार यूरोपीय यूनियन के संसदीय चुनाव में 51 फीसदी लोगों ने वोट किया जो पिछली साल से आठ फीसदी ज्यादा है।
यहां पर आपको बता दें कि ईयू के सदस्य देशों की आबादी के हिसाब से हर देश को सीटें आवंटित हैं। इसके सदस्यों और अध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल का होता है। 2014 में यूरोपीय कमीशन के अध्यक्ष जां क्लॉड जंकर यूरोपियन पीपुल्स पार्टी (ईपीपी) के हैं लेकिन, इस चुनाव में किसी गठबंधन के पास बहुमत नहीं है। इस चुनाव में यूरोपियन पीपुल्स पार्टी (ईपीपी) और डेमोक्रेटिक (एस एंड डी) को 70 सीटों का नुकसान हुआ है। यूरोपीय संघ संधि के तहत यूरोपीय परिषद में शामिल सभी 28 सदस्य देशों के नेता यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष का मनोनयन करेंगे। इसके बाद 751 सदस्यीय नई संसद इस पर मुहर लगाएगी।
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