यूरोपीय कोर्ट में वेटिकन को दुर्व्यवहार का दोषी ठहराने की मांग खारिज
यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय ने 24 लोगों द्वारा लाए गए एक मामले को खारिज कर दिया। 24 लोगों ने कहा था कि वे बेल्जियम में पादरियों के शिकार थे। उन्होंने तर्क दिया कि कैथोलिक वरिष्ठता के कारण बच्चों के साथ गलत काम और छेड़छाड़ करने वाले पादरियों के मामले छिपे रहे।
रोम, एपी। यूरोप की एक अदालत ने मंगलवार को इस बात पर सहमति व्यक्त की कि कैथोलिक पादरियों द्वारा किए गए यौन शोषण के लिए वेटिकन के खिलाफ स्थानीय कोर्ट में मामला नहीं चलाया जा सकता है। कोर्ट ने इस बात की पुष्टि की कि वेटिकन को संप्रभु प्रतिरक्षा हासिल है और पादरियों एवं उनके वरिष्ठों के दुराचार को होली सी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय ने 24 लोगों द्वारा लाए गए एक मामले को खारिज कर दिया। 24 लोगों ने कहा था कि वे बेल्जियम में पादरियों के शिकार थे। उन लोगों ने तर्क दिया था कि कैथोलिक वरिष्ठता के कारण दशकों से बच्चों के साथ गलत काम और छेड़छाड़ करने वाले पादरियों के मामले छिपे रहे। 'संरचनात्मक कमी' के लिए होली सी को उत्तरदायी माना जा सकता है।
बेल्जियम की अदालतों के फैसले के बाद 24 लोगों ने स्ट्रासबर्ग स्थित अदालत में अपील की थी। यूरोपीय अदालत ने कहा कि बेल्जियम की अदालतें सही थीं और पीडि़तों को अदालत में जाने के उनके अधिकार से वंचित नहीं किया गया था।
पोप फ्रांसिस ने जताई थी शर्मिंदगी
पोप फ्रांसिस ने फ्रांस में चर्च के अंदर बड़े पैमाने पर बाल यौन उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर कुछ समय पहले दुख जताया था। पोप ने कहा था कि यह उनके व रोमन कैथोलिक चर्च के लिए शर्मिंदगी की बात है। इस दौरान उन्होंने पीड़ितों की आवश्यकताओं की पूर्ति में विफलता की बात भी स्वीकार की थी। पोप ने यह बात वेटिकन में लोगों से नियमित संवाद के दौरान उस रिपोर्ट पर चर्चा करते कही थी, जिसमें बताया गया था कि वर्ष 1950 के बाद पादरी वर्ग व चर्च के अन्य पदाधिकारियों ने 3.30 लाख फ्रांसिसी बच्चों का यौन उत्पीड़न किया।
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