कोविड-19 के कारण प्रवासियों व शरणार्थियों के सामने नई मुसीबतें, EU एजेंसी ने जताई नई चिंता
पहले से दूसरे देश में प्रवेश पाने के लिए मुश्किलों का सामना करने वाले प्रवासियों व शरणार्थियों के लिए कोविड-19 ने नई रुकावटें पैदा कर दी
ब्रुसेल्स, आइएएनएस। प्रवासियों व शरणार्थियों के सामने पहले से ही अनेकों मुश्किलें थी और अब कोविड-19 के कारण उन्हें नई मुसीबतों का भी सामना करना पड़ रहा है। इस क्रम में मौलिक अधिकारों के लिए यूरोपीयन यूनियन एजेंसी (FRA) ने चिंता जताई है। दरअसल यूरोपीयन यूनियन में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले इन प्रवासियों व शरणार्थियों को सीमा पर से वापस भेजने के मामले सामने आए हैं क्योंकि कोविड-19 के मद्देनजर अब विदेश से आने वाले लोगों के लिए सेल्फ क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें तभी छूट मिल सकती है जब उनके पास नेगेटिव कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट हो। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने FRA के हवाले से यह जानकारी सोमवार को दी।
प्रवासियों पर 2015 से आंकड़ा इकट्ठा करने वाली एजेंसी ने भी मौजूदा हालात पर चिंता जताई और कहा कि महामारी के कारण अनेकों शरणार्थियों के बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। माइग्रेशन के लिए इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन के अनुसार, इस साल जनवरी और अप्रैल के बीच कम से कम 16,724 प्रवासी यूरोप पहुंचे। 14 हजार 3 सौ 81 प्रवासी पिछले साल यहां आए थे यानि इस साल कुल 16 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। इस साल के व्यस्ततम डेस्टीनेशन ग्रीस में करीब आधे प्रवासी पहुंचे हैं।
मई मं जारी रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में हजारों की संख्या में प्रवासी फंस गए थे और इनपर कोविड-19 के संक्रमण का काफी खतरा भी बताया गया। ये बात प्रवास मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी की अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी संगठन के प्रमुख ने बताई थी। संगठन के महानिदेशक एंतोनियो विटोरिनो ने मई में ही कह दिया था कि यात्रा प्रतिबंधों के चलते भविष्य में प्रवासियों से काफी भेदभाव होगा।