दो साल बाद तुर्की में आपातकाल खत्म, अब विपक्ष को सता रहा ये डर
तुर्की में दो साल पहले लगाए गए आपातकाल को सरकार ने खत्म कर दिया है। 2016 में तख्तापलट की नाकाम कोशिश के बाद हुई थी आपातकाल की घोषणा।
अंकारा, तुर्की (एजेंसी)। तुर्की में दो साल पहले लगाए गए आपातकाल को सरकार ने खत्म कर दिया है। हालांकि विपक्ष को आशंका है कि अब और ज्यादा दमनकारी कानून को वैध तरीके से लागू किया जा सकता है।
तख्तापलट की नाकाम कोशिश और आपातकाल
आज से दो साल पहले देश में तख्तापलट की नाकाम कोशिश हुई थी, जिसके बाद आपातकाल की घोषणा कर दी गई थी। इस दौरान हजारों की संख्या में लोगों की गिरफ्तारियां हुईं थी, जबकि कइयों को नौकरियों से बर्खास्त कर दिया गया था। बता दें कि अंकारा पर बमबारी और इस्तांबुल में हुईं हिंसक झड़पों में करीब ढाई सौ लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद आपतकाल का ऐलान किया गया था।
सात बार बढ़ाई गई आपातकाल की अवधि
तुर्की की सरकारी न्यूज एजेंसी अनादोलु के मुताबिक, सामान्य तौर पर आपातकाल तीन माह के लिए लागू रहता है, लेकिन यहां इसकी अवधि सात बार बढ़ाई गई। सरकार ने तय किया था कि इसे आठवीं बार नहीं बढ़ाया जाएगा और बुधवार को देर रात आपातकाल को खत्म करने की घोषणा कर दी गई।
80,000 लोगों की हुई थी गिरफ्तारी
जानकारी के अनुसार, आपातकाल के दौरान करीब 80,000 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जबकि दोगुने लोगों की नौकरी चली गई थी। ये वो लोग थे, जो सरकारी संस्थानों में काम करते थे। माना जा रहा है कि जिन लोगों को नौकरियों से बर्खास्त किया गया है वो निर्वासित इस्लामिक मौलवी फतेहुल्लाह गुलेन के समर्थक थे। फतेहुल्लाह गुलेन पहले अर्दोआन के मित्रों में शुमार थे लेकिन अब अमरीका में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं।
गुलेन पर तख्तापलट की कोशिश का आरोप
2016 में हुए सैन्य तख्तापलट की कोशिश करने का आरोप गुलेन और उनके समर्थकों पर लगता आया है। हालांकि गुलेन इन आरोपों से इन्कार करते आए हैं। गौरतलब है कि तुर्की में हाल में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे, जिसमें एक बार फिर से मौजूदा राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन चुनाव जीते। अपने प्रचार अभियान के दौरान एर्दोआन ने कहा था कि सत्ता में वापसी के साथ वो आपातकाल भी खत्म कर देंगे।