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मालदीव में आपातकाल: विपक्षियों की घेराबंदी को रोकने के लिए लगाया कर्फ्यू

मालदीव में हालात सुधरते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। देश में आपातकाल की अवधि को 30 दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया है।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Mon, 26 Feb 2018 10:59 AM (IST)Updated: Mon, 26 Feb 2018 12:51 PM (IST)
मालदीव में आपातकाल: विपक्षियों की घेराबंदी को रोकने के लिए लगाया कर्फ्यू
मालदीव में आपातकाल: विपक्षियों की घेराबंदी को रोकने के लिए लगाया कर्फ्यू

माले, एएनआइ। मालदीव में जारी आपातकाल के बीच पुलिस ने विपक्षियों को एकत्रित होने से रोकने के प्रयास के तहत पुलिस ने कर्फ्यू लगा दिया है। मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के एक सदस्‍य ने यह आरोप लगाया है। ट्विटर के जरिए अब्‍दुल्‍ला शाहीद ने कहा कि विपक्षियों को एकत्रित होने से रोकने के लिए पुलिस कर्फ्यू जारी कर दिया है। विपक्ष पूरे देश में राष्‍ट्रपति अब्‍दुल्‍ला यामीन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहा है।

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गौरतलब है कि मालदीव में हालात सुधरते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। देश में आपातकाल की अवधि को 30 दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया है। इस बीच मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद जमील अहमद ने अपने देश में बढ़ते राजनीतिक अशांति के बारे में चिंता जताते हुए अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय द्वारा एक त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है। वकील से राजनेता बने जमील ने भारत को द्वीप देश में लोकतंत्र बहाल करने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय प्रयासों की अगुवाई करने को कहा है।

जमील ने कहा कि आपातकाल के विस्तार के लिए मालदीव संविधान के अनुच्छेद 255 के लिए आवश्यक है कि एक उचित मंच होना चाहिए, जिसके लिए संसद के 43 सदस्यों की ताकत की आवश्यकता होती है। उतने नंबर नहीं होने पर सरकार ने संसद के 36 सदस्यों के साथ जाने का फैसला किया। जाहिर है आपातकाल का विस्तार अवैध और असंवैधानिक है।

मालदीव के मौजूदा हालात को लेकर भारत समेत कई देश चिंतित हैं। हालांकि मालदीव ने भारत को चेतावनी देते हुए आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा है। आपातकाल की अवधि बढ़ाने पर भारत ने गहरी चिंता जताई थी। मालदीवी ने इसके जवाब में भारत को ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करने की चेतावनी दी है, जिससे देश में राजनीतिक संकट के समाधान पर असर पड़े।

मालदीव में आपातकाल बढ़ाने के फैसले पर निराशा जताते हुए अमेरिका ने भी राष्‍ट्रपति अब्‍दुल्‍ला यामिन से कानून-व्‍यवस्‍था बनाए रखने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इंकार करने को लेकर यामीन चौतरफा घिरे हुए हैं। मालदीव में राजनीतिक संकट इसी कारण पैदा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था, जिसे राष्‍ट्रपति यामीन ने मानने से इंकार कर दिया और तब से देश में अराजकता का माहाैल है।


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