श्रीलंका में महामारी के कारण टला चुनाव, सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने बताई परेशानी
श्रीलंका में चुनाव आयोग ने महामारी को देखते हुए जून में होने वाले चुनाव की तारीख आगे बढ़ा दी।
कोलंबो, एपी। श्रीलंका के स्वतंत्र चुनाव आयोग (elections commission) ने बुधवार को बताया कि 20 जून को यहां संसदीय चुनावों का आयोजन संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सालिया पीरिस (Saliya Peiris) ने कहा स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा सुरक्षित हालात की घोषणा के बाद ही चुनाव कराए जाएंगे। अनेकों पूर्व सांसदों व सिविल ग्रुप ने कोर्ट में इस बात की शिकायत की है।
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में जून में संसदीय चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग ने सभी दलों के साथ बैठक की थी जो बेनतीजा रही। पार्टी के सदस्यों ने बुधवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने विपक्ष नियंत्रित संसद को समय से छह महीने पहले 2 मार्च को भंग कर दिया था। इसके बाद यहां के 225 सदस्यीय सदन के लिए 25 अप्रैल को चुनाव कराने की घोषणा की थी। लेकिन महामारी के कारण इसे 20 जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
देश के सत्तारूढ़ एसएलपीपी पार्टी के महासचिव सागर करियावासम ने कहा, 'अधिकतर लोगों ने कहा कि चुनाव कराके लोकतांत्रिक अधिकारों को सुनिश्चित किया जाए।' देश में हालांकि कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों में ढील दी गई है, लेकिन कुछ नेताओं ने कहा कि वैश्विक महामारी के नियंत्रण में आने तक चुनाव नहीं कराए जाने चाहिए।
देश के संविधान के अनुसार, नई संसद की बैठक विघटन के बाद से तीन महीने के भीतर होनी चाहिए। अनेकों विपक्षी दलों और नागरिक संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि संविधान के अनुसार, संसद भंग होने के बाद नए सदन के गठन के लिए तीन महीने के अंदर चुनाव होना अनिवार्य है। महामारी के संकट को देखते हुए जून में संसदीय चुनाव कराने पर फैसला लेने के लिए चुनाव आयोग ने मंगलवार को सभी दलों के साथ बैठक की थी जो बेनतीजा रही। श्रीलंका में 1,027 कोरोना वायरस के मामले सामने आए जिसमें 9 लोगों की मौत भी शामिल है।