म्यांमार में बंधक की मौत के बाद विद्रोहियों ने छोड़े चार भारतीयों समेत आठ लोग, माफी भी मांगी
म्यांमार में भारतीय बंधक की मौत के बाद विद्रोही समूह अराकान आर्मी ने बाकी चार भारतीयों समेत आठ लोगों को मुक्त कर दिया है।
यंगून, प्रेट्र। म्यांमार में भारतीय बंधक की मौत के बाद विद्रोही समूह अराकान आर्मी ने बाकी चार भारतीयों समेत आठ लोगों को मुक्त कर दिया है। अराकान आर्मी ने वीनू गोपाल (60) की मौत के लिए माफी भी मांगी है। मुक्त किए गए लोगों में दो अनुवादक और दो नाव चालक शामिल हैं।
10 लोगों और एक सांसद का किया था अपहरण
एक समाचार पत्र के मुताबिक रविवार को विद्रोही समूह ने चार भारतीयों समेत 10 लोगों और आंग सान सू की नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी पार्टी के एक सांसद यू वी टिन का अपहरण कर लिया था। इनका अपहरण तब किया गया था जब दो नावों से यह लोग चिन राज्य के पलेटवा से रखाइन के क्युकटाव जा रहे थे। गोपाल और चार अन्य भारतीय भारत-म्यांमार की एक संयुक्त परियोजना पर काम कर रहे थे। इसके तहत म्यांमार के सिटवेपोर्ट को भारत-म्यांमार सीमा से जोड़ा जाना है। माना जा रहा है कि इससे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के आर्थिक विकास में मदद होगी और उत्पादों के लिए समुद्री मार्ग खुल सकेगा।
विद्रोही समूह ने सांसद को नहीं छोड़ा
अराकन सेना के प्रवक्ता ने भारतीय श्रमिक की मौत के लिए माफी मांगी है। प्रवक्ता ने कहा, हम पहाड़ी पर चढ़ रहे थे। थकावट के चलते वीनू गोपाल की मौत हुई है। हमने उसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया है। हमने भारतीयों को नहीं बल्कि सांसद को निशाना बनाया था। नाव पर भारतीय भी थे, इस बारे में हमें नहीं पता था। फिलहाल विद्रोही समूह ने सांसद को नहीं छोड़ा है। अराकान आर्मी को यूनाइटेड लीग ऑफ अराकान (यूएलए) के सशस्त्र विंग के तौर पर स्थापित किया गया है। विद्रोही समूह बौद्धों को अधिक स्वायत्ता के लिए लगभग एक दशक से लड़ रहा है।